कसडोल। कोरदा और लवन के जंगलों में दहशत फैलाने वाले बाघ को वन विभाग ने एक सुनियोजित अभियान के बाद कसडोल के सेक्टर-01 परस नगर के पास सुरक्षित पकड़ लिया। रायपुर से 114 किलोमीटर दूर स्थित इस इलाके में बाघ को चौहान पेट्रोल पंप के पास ट्रैंकुलाइज (बेहोश) कर रेस्क्यू किया गया, और अब उसे इलाज के लिए रायपुर ले जाया जा रहा है।

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह बाघ अब तक लगभग 20 किलोमीटर की दूरी तय कर चुका था, और इसे पकड़ने के लिए ड्रोन के जरिए लगातार निगरानी रखी जा रही थी। इस अभियान में वरिष्ठ अधिकारियों और वन्यजीव विशेषज्ञों की टीम ने बाघ को सुरक्षित पकड़ने में सफलता प्राप्त की। रायपुर के वन्यजीव संरक्षणवादी नितिन सिंघवी ने कहा, “यह युवा बाघ शायद मादा साथी की तलाश में लंबी दूरी तय कर रहा था। इसे पिंजरे में सुरक्षित रखने और जल्द ही उचित प्राकृतिक आवास में छोड़ने की आवश्यकता है।”
बलौदाबाजार के पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बताया कि बाघ को कसडोल बस्ती के पास ट्रैंकुलाइज कर सुरक्षित रूप से पकड़ लिया गया है, और इसे उपचार के लिए एक सुरक्षित स्थान पर भेजा जा रहा है। पुलिस और वन विभाग के समन्वय से यह अभियान सफल रहा। वन विभाग ने बताया कि बाघ का उपचार रायपुर में किया जाएगा, और उसकी निगरानी के लिए कॉलर आईडी लगाई जाएगी। इसके बाद बाघ को ऐसे जंगल में छोड़ा जाएगा, जहां उसे गलियारे मिल सकें और वह अपनी स्वाभाविक जीवनशैली को अपना सके। इस घटना से स्थानीय ग्रामीणों में राहत की लहर है, जो बाघ की उपस्थिति से लगातार डर रहे थे। अधिकारियों ने कहा, “यह बाघ अब ग्रामीणों के लिए खतरा बन चुका था, लेकिन वन विभाग ने इसे सुरक्षित तरीके से पकड़कर स्थिति को नियंत्रित किया।”