दुर्ग जिले में पेयजल समस्या से निपटने के लिए 561.16 लाख की कार्ययोजना तैयार, किया टोलफ्री नंबर जारी…

दुर्ग। दुर्ग जिले में आने वाले दुर्ग, धमधा व पाटन के 385 गाव में 5352 विभाग के हैण्डपंप, 203 नलजल योजना, 38 स्थल जल योजना, 1223 सिंगल फेस पंप, 673 विभाग के सोलर पंप संचालित है। गर्मी के समय होने वाली पेयजल समस्या से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार किया गया है। पिछले साल के आकलन के आधार पर संभावित पेयजल समस्या वाले 99 गाव को चिन्हित किया गया है। इनमें से सबसे ज्यादा पेयजल की समस्या से संभावित होने वाले 22 गाव को भी चिन्हित किया गया है। संभावित पेयजल समस्या वाले 99 ग्रामों में वर्तमान में 1583 हैण्डपंपो, 52 नल जल योजना, 11 स्थल जल योजना, 406 सिंगल फेस पंप, 105 सोलर पंप के माध्यम से जल प्रदाय किया जा रहा है। सर्वाधिक पेयजल संकट वाले संभावित चिन्हित 22 ग्रामों में 343 हैण्डपंप, 7 नल जल योजना, 5 स्थल जल योजना, 99 सिंगल फेस पंप, 23 सोलर पंप योजना कार्यरत है। वर्तमान में जल स्तर 20.33 मी. है। गत वर्ष की तुलना में हैण्डपंपों के भू-जल स्तर में औसत गिरावट 0.61 मी. दर्ज किया गया। पेयजल संकट से निपटने हेतु रू. 561.16 लाख की कार्ययोजना तैयार किया गया है। जिसके अंतर्गत पेयजल समस्या वाले ग्रामों में नये नलकूपों का खनन हाइड्रोफेक्चरिंग, सिंगलफेस पावरपंप स्थापना, एकस्ट्राडीपवेल सिलेंडर राइजर पाइप बढ़ाने/बदलने का प्रावधान रखा गया है। सभी पेयजल योजनाओं को चालू रखने हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है। नलजल एवं स्थल जल योजनाओं के संधारण एवं संचालन हेतु शासन से प्राप्त राशि को संबंधित ग्राम पंचायतों को वितरित कर दिया गया है। जिला स्तर एवं उपखंड स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है, जिसका टोलफ्री नं. 07882323633 है। संधारण कार्य से जुड़े सभी अधिकारी/कर्मचारियों के मोबाईल नंबरों का पर्याप्त प्रचार-प्रसार ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है। ग्रीष्म में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु एफटीके तथा प्रयोगशाला के माध्यम से पेयजल का परीक्षण किया जा रहा है।

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