- हिट एंड रन के कानून में संशोधन के बाद शुरू हुआ ये मामला
- दोषी ड्राइवर पर 7 लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक जेल का प्रावधान
- पेट्रोल पंप में भारी भीड़, हड़ताल की वजह से पेट्रोल-डीजल खत्म होने की आशंका
दुर्ग। देशभर में ट्रक ड्राइवर्स हड़ताल पर बैठे है। इस वजह से पेट्रोल पंप में भारी भीड़ लग रही है। लोगों को ये डर है की हड़ताल के कारण पेट्रोल सप्लाई बाधित होगा। दरहसल देश में लागू हुए नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर देशव्यापी हड़ताल पर चले गए हैं। छत्तीसगढ़ के भी सभी ट्रक ड्राइवर 1 से 3 जनवरी तक तीन दिन की हड़ताल पर हैं। नए साल के पहले दिन ही इस आंदोलन ने उग्र रूप ले लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दुर्ग में जेके लक्ष्मी सीमेंट प्लांट पर लगे ट्रक ड्राइवरों ने अपने ट्रोकों को अहिरवारा से कवर्धा जाने वाले मार्ग के बीच में खड़ा करके चक्का जाम कर दिया था। इससे दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गई। हालाँकि पुलिस की समझाइश के बाद ट्रक चालकों ने चक्का जाम हटा दिया।
चक्का जाम की वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ट्रक चालकों का कहना है कि वो लोग कम पढ़े लिखे हैं। उनकी पहुंच केंद्र सरकार तक नहीं है। इसलिए उन्होंने चक्का जाम किया है। इससे बड़े लोग परेशान होंगे तो वो लोग उनकी आवाज को केंद्र में बैठी सरकार तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कार और बाइक चालकों से भी कहा कि ये कानून उन पर भी लागू होता है। इसलिए उन्हें भी हडताल पर बैठना चाहिए। मिली जानकारी के अनुसार, हड़ताल पर बैठर ट्रक ड्राइवरों ने सुबह 9.30 बजे अपने ट्रकों को सड़क पर खड़ा करके चक्का जाम कर कर दिया। जिसकी सुचना पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची उन्हें समझाने का प्रयास किया। कुछ देर बाद पुलिस ट्रक चालकों को समझाने में कामयाब रहीं।
इस कानून से मचा बवाल
आपको बता दें कि, केंद्र सरकार ने देश में नया हिट एंड रन कानून लागू किया है। इसके खिलाफ ट्रांसपोर्टर और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर 7 लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक जेल का प्रावधान किया गया है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) ने हिट एंड रन कानून को सख्त बनाने का विरोध किया है। उनका कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान परिवहन क्षेत्र और ट्रक चालकों का है। भारत इस समय वाहन चालकों की कमी से जूझ रहा है, लेकिन सरकार का इस और कोई ध्यान नहीं है। ऐसे में 10 साल की सजा के प्रावधान के बाद अब ट्रक ड्राइवर नौकरी छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।