गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक व पूर्व विधायक दादा हीरासिंह मरकाम को दी गई श्रद्धांजलि, जानिए उनके बारे में

भिलाई। गोंडवाना समग्र क्रांति आंदोलन के जनक, सरल एवं सहज स्वभाव के धनी, कृषक, शिक्षक, वकील और विधायक, हमारे आदर्श एवं पथप्रदर्शक, गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम के प्रथम पुण्यतिथि पर भिलाई के गोंडवाना समाज भिलाई नगर द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।

तिरु० दादा हीरा सिंह मरकाम का जन्म तिवरता गांव बिलासपुर जिले यह अब कोरबा जिले के अंतर्गत आता है, एक खेतिहर मजदूर किसान के यहां 14 जनवरी 1942 को हुआ था। उनके पिताजी का नाम देव शाय मरकाम, माताजी का नाम सोनकुंवर मरकाम था एवं सात भाई-बहन हैं। जिसमे तीन भाई और चार बहनें है।गोंडवाना रत्न दादा हीरासिंह मरकाम दादा कहते थे, न्याय के लिए लड़ना या न्याय के पथ में खड़ा रहना मानवता का सबसे बड़ा धर्म है।

‘कहो नही करके दिखलाओ’ का नारा हमेशा समाज कहने वाले हमारे दादा ने संपूर्ण गोंडवाना अंचल के आदिवासियों को एकता के सूत्र में बांधने वाले थे। जो लोग संस्कृति भूल गए थे उन्हें वापस संस्कृति का परिचय कराया। उनका कहना था खेत गाँव में हैं, श्रम शक्ति गाँव में है, विकास की राह गाँव से निकलती है। कोई कागज के नोट खाकर जिंदा नहीं रहेगा। उनका सपना शोषणविहीन समाज की रचना था।

गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम समूचा गोंडवाना समाज को एक नई दिशा नया राह प्रदान करने वाले, ऐसे महापुरुष युग में एक ही बार अवतरित होते हैं। इस दौरान प्रतिमा पर माल्यार्पण कर लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. कार्यक्रम की अध्यक्षता तामेश्वरी ठाकुर (प्रदेश उपाध्यक्ष सर्व आदिवासी समाज) ने की। कार्यक्रम में इस मौके पर महेन्द्र ध्रुर्व, चंदन सिंग मंडवी, अवि मरकाम, इंदु नेताम, डेविड मंडवी, कोमल नेताम, रवि ध्रुव, आशीष नेताम, प्रियंका ठाकुर, जायश्री जुरेशिया, सुमन ध्रुर्व, अंतरा पुल्सत आदि समाज के लोग उपस्थित थे।