दुर्ग IG राम गोपाल गर्ग के निर्देश में म्यूल बैंक मामले में पुलिस की बड़ी कार्रवाई… 4 अकाउंट होल्डर अरेस्ट, कुछ ही दिनों में खाते में आ गए थे करोड़ों रूपए

दुर्ग। पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज दुर्ग के निर्देशन में रेंज सायबर थाना दुर्ग पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। दुर्ग पुलिस ने म्यूल बैंक खाता धारकों के 04 आरोपियों को भिलाई दुर्ग से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के बैंक खातों में कुछ ही दिनों में करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन हुए थे। रेंज सायबर थाना दुर्ग में 03 मार्च 2025 को अपराध क्रमांक 03/2025 के तहत मामला दर्ज किया गया था। इसमें 13 म्यूल बैंक खातों के जरिए अवैध साइबर ठगी का लगभग 3.74 करोड़ रुपये का लेन-देन पाया गया। इन खातों में कुल 50,01,767 रुपये की विवादित राशि पाई गई। मामले की जांच के दौरान आरोपियों के बारे में जानकारी मिली, और उनके खातों के ट्रांजेक्शन डिटेल्स के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की।

पुलिस ने म्यूल बैंक खाता धारकों के बारे में जानकारी हासिल की और पाया कि आरोपी अंशुल तिवारी, ललित कुमार चौहान, संजय कुमार शर्मा और दीपांकर सिंह के बैंक खातों में बड़े पैमाने पर फ्रॉड ट्रांजेक्शन हुए हैं।

गिरफ्तार आरोपियों के बारे में जानकारी:

  1. दीपांकर सिंह (30 वर्ष) – निवासी, मकान नं. 77/डी. के. एल.सी. जोन 2, सेक्टर 11, खुर्सीपार, भिलाई।
  2. संजय कुमार शर्मा (30 वर्ष) – निवासी, मकान नं. 31, वार्ड 51, चंद्रमा चौक, शिवाजी नगर, खुर्सीपार, जिला दुर्ग।
  3. अंशुल तिवारी (27 वर्ष) – निवासी, मकान नं. 241, आईरिस चौहान ग्रीन वैली, स्मृति नगर, भिलाई, जिला दुर्ग।
  4. ललित चौहान (36 वर्ष) – निवासी, मकान नं. 560/01, रायपुर नाका, वार्ड 47, पद्मनाभपुर, जिला दुर्ग।

पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों का अवलोकन किया और पाया कि उनमें बड़ी मात्रा में फ्रॉड रकम ट्रांसफर हुई थी। आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने बैंक खातों का इस्तेमाल अन्य लोगों को बेचा था और खातों का संचालन किया था। इस कार्यवाही में पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज, दुर्ग, शिल्पा साहू (उप पुलिस अधीक्षक), निरीक्षक तापेश्वर सिंह नेताम, उप निरीक्षक नवीन राजपुत और अन्य पुलिसकर्मियों का सराहनीय योगदान रहा है। सभी आरोपियों को 24 मार्च 2025 को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया। यह कार्यवाही पुलिस की कड़ी मेहनत और तकनीकी विशेषज्ञता का परिणाम है, जिससे साइबर ठगी से जुड़े मामलों पर बड़ी सफलता मिली है।

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