भिलाई के शंकराचार्य अस्पताल में मरीज के मौत के बाद हंगामा: परिजनों ने डॉक्टर पर लगाया लपरवाही का आरोप… कहा- हाई रिस्क का कंसेंट भी नहीं लिए, पेस मेकर की बैटरी बदलते समय मौत

भिलाई। दुर्ग जिले के भिलाई जुनवानी रोड में स्थित श्री शंकराचार्य इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस हॉस्पिटल में एक मरीज के मौत को लेकर बवाल हो गया। दरहसल एक मरीज के पेस मेकर की बैटरी बदलते समय उसकी जान चली गई। इसके बाद मरीज के परिजन ने अस्पताल में जमकर हंगामा करते हुए तोड़फोड़ किया। परिजन ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने ऑपरेशन में लापरवाही बरती, जिससे मरीज की मौत हो गई। अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ दिलीप रत्नानी का ककहना है कि 15 साल पहले महेश यादव नाम के व्यक्ति को हार्ट की समस्या हुई थी। उस दौरान उसके हार्ट वाल्व ब्लॉक होने से उसे बदला गया था। इसके बाद फिर से उसे समस्या हुई तो 20-25 दिन के लिए उसे हॉस्पिटल में रखा गया और फिर एक पेस मेकर लगाया गया।

मिली जानकारी के अनुसार, ऑपरेशन के बीच डॉक्टर बाहर आए और परिजन को बताया कि मरीज का हार्ट वॉल्व चोक हो गया, जिससे उसकी मौत हो गई। इससे परिजन भड़क गए और उन्होंने अस्पताल परिसर में हंगामा शुरू कर दिया। परिजन का कहना है कि डॉक्टर ने ऑपरेशन में लापरवाही बरती है, जिससे मरीज की जान गई है। परिजनों ने 50 लाख रुपए मुआवजे के साथ ही डॉक्टर के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है। परिजन ने बताया कि महेश के बच्चे काफी छोटे हैं। वह एक पैर से दिव्यांग था। हार्ट की समस्या होने के बाद वह अधिक जोखिम वाले काम नहीं कर सकता था। इसलिए उसने गार्ड की नौकरी की और उसी के सहारे परिवार का पेट पालता था। अब उसकी मौत के बाद परिवार के सामने जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है। पत्नी और बेटे का रो-रोकर बुरा हाल है।

डॉ रत्नानी का कहना है कि पेस मेकर की बैटरी 10 साल चलती है। इसलिए मरीज को बैटरी चेंज करने के लिए बुलाया गया था। उसे ऑपरेशन थिएटर ले जाया गया। ऑपरेशन के दौरान अचानक उसके हार्ट का वॉल्व चोक हो गया और उसकी जान चली गई। वहीं इस बारे में मृतक महेश यादव के बेटे का कहना है कि डॉक्टर ने उन्हें ऑपरेशन से पहले ये नहीं बताया था कि इसमें मरीज की जान भी जा सकती है, ना ही उनसे किसी भी तरह का कंसेंट लेटर (सहमति पत्र) साइन कराया था।

इस मामले में जिला नर्सिंग होम एक्ट के नोडल अधिकारी डॉ अनिल शुक्ला ने कहा कि मेडिकल नॉर्म्स में स्पष्ट लिखा है कि किसी भी तरह के ऑपरेशन से पहले उसके जोखिम के बारे में परिजन को बताना है। सभी जानकारी भरकर सगे संबंधियों से एक कंसेंट लेटर (सहमति पत्र) लेना है। बिना कंसेंट लेटर के मरीज का ऑपरेशन किया जाता है और उस स्थिति में उसकी मौत हो जाती है तो ये आपराधिक श्रेणी में आता है। हालांकि डॉ शुक्ला ने कहा कि अगर शंकराचार्य हॉस्पिल की शिकायत उनके पास आएगी तो वे उसकी जांच करेंगे और स्थिति के अनुसार ही बता पाएंगे की डॉक्टर के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई हो सकती है।

खबर सोर्स एंड इनपुट – दैनिक भास्कर डिजिटल

खबरें और भी हैं...
संबंधित

भिलाई में दर्दनाक हादसा, पति-पत्नी की मौत, दो महीने...

- मृतक युवक का नाम मुकेश कुर्रे, पत्नी कमलेश्वरी... - दोनों खुर्सीपार में रिश्तेदार के घर खाना खाकर लौट रहे थे कोहका... - खुर्सीपार ITI के...

भिलाई की बेटी का विश्व में बजा डंका: त्वचा...

भिलाई। भिलाई की डॉक्टर त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ गरिमा बालपांडे को बाली इंडोनेशिया में आयोजित होने वी आले इंटरनेशन लेप्रोसी कांग्रेस - 2025 में...

मुख्यमंत्री साय ने आवास एवं पर्यावरण विभाग की ली...

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन में आवास एवं पर्यावरण विभाग के विभागीय काम-काज की समीक्षा बैठक ली।...

CM साय की बड़ी घोषणाएं: पंडरिया में उप तहसील,...

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के हर कोने को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए संकल्पित है। उन्होंने...