रायपुर। राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2022 से अब तक राज्य में 1055.0 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून से आज आठ सितम्बर तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 2010.8 मिमी और सरगुजा में जिले में सबसे कम 489.0 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।

राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर में 791.6 मिमी, बलरामपुर में 776.8 मिमी, जशपुर में 799.5 मिमी, कोरिया में 725.8 मिमी, रायपुर में 789.9 मिमी, बलौदाबाजार में 1016.2 मिमी, गरियाबंद में 1098.3 मिमी, महासमुंद में 1041.9 मिमी, धमतरी में 1166.7 मिमी, बिलासपुर में 1220.2 मिमी, मुंगेली में 1132.0 मिमी, रायगढ़ में 982.4 मिमी, जांजगीर-चांपा में 1171.0 मिमी, कोरबा में 953.4 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 912.1 मिमी, दुर्ग में 893.9 मिमी, कबीरधाम में 963.4 मिमी, राजनांदगांव में 1030.5 मिमी, बालोद में 1143.7 मिमी, बेमेतरा में 633.1 मिमी, बस्तर में 1477.8 मिमी, कोण्डागांव में 1139.4 मिमी, कांकेर में 1358.0 मिमी, नारायणपुर में 1198.7 मिमी, दंतेवाड़ा में 1487.2 मिमी और सुकमा में 1135.6 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड की गई।

प्रदेश में कुछ सप्ताह के मानसून ब्रेक के बाद फिर से वर्षा के दिन फिर से लौट आए हैं। शुक्रवार को प्रदेश के बस्तर और दुर्ग संभाग के जिलों में भारी वर्षा की संभावना बन रही है। एक-दो स्थानों पर वज्रपात की भी आशंका है। बताया जा रहा है कि कल प्रदेश के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम स्तर की बरसात होने की संभावना है।

रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एच.पी. चंद्रा ने बताया, एक निम्न दाब का क्षेत्र पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे लगे पूर्व- मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर स्थित है। इसके अगले 48 घंटे में और प्रबल होकर पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे लगे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी-उत्तर तटीय आंध्रप्रदेश-दक्षिण तटीय ओडिशा के ऊपर पहुंचने की संभावना है। वहीं मानसून द्रोणिका जैसलमेर, भोपाल, गोंदिया, जगदलपुर, कलिंगपटनम, और उसके बाद पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर निम्न दाब के केंद्र तक, माध्य समुद्र तल पर स्थित है।

इसके प्रभाव से 9 सितम्बर को प्रदेश में अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ वज्रपात होने तथा भारी वर्षा होने की भी संभावना बन रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक भारी वर्षा का क्षेत्र मुख्य रूप से दक्षिण छत्तीसगढ़ रहने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों का कहना है, कुछ दिनों की छिटपुट बरसात के बाद भारी वर्षा का एक दौर और आएगा।

