क्या है अग्निपथ स्कीम जिसका पूरे देश में हो रहा जबरदस्त विरोध: सिर्फ चार साल की नौकरी, NO पेंशन… कई जगहों पर ट्रेनें रोकी गयी, इंटरसिटी एक्सप्रेस में लगायी आग… जानिए अग्निपथ स्कीम से क्यों भड़के हुए हैं देश भर के युवा

नई दिल्ली। सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ स्कीम को लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. बिहार के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन चल रही है. इस दौरान आक्रोशित युवाओं ने ट्रेन में आग लगा दी है। कई जगह पर ट्रेन को रोका गया है। इस दौरान अवध आसाम एक्सप्रेस को रोक दिया गया, वहीं सहरसा में कई ट्रेनें रूकी हुई है।

बिहार के बाद यह बवाल हरियाणा के गुरुग्राम और राजस्थान तक फैल गया है. युवा अग्निपथ स्कीम को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. स्कीम के विरोध में कई जगह आगजनी हुई है, रेल मार्ग-सड़क मार्ग को रोका गया है. इसके अलावा पथराव की भी खबरें हैं.वहीं पुलिस ने भीड़ को तीतर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोलो भी छोड़े हैं.

अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) को लेकर देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इसमें बिहार के युवा सबसे ज्यादा उग्र और गुस्से में नजर आ रहे हैं. सेना में भर्ती की नई स्कीम को लेकर बिहार में सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारी छात्रों की कई चिंताएं हैं. इसमें सबसे बड़ा सवाल यही है कि वे सेना में भर्ती के लिए जी-जान से मेहनत करते हैं. फिर इतनी मेहनत करके अगर सिर्फ चार साल की नौकरी मिलेगी तो क्या फायदा?

केंद्र सरकार, राज्य सरकार भले कह रही है कि विभिन्न मंत्रालयों, अर्धसैनिक बलों में अग्निवीरों को प्राथमिकता मिलेगी लेकिन युवा इससे संतुष्ट नहीं हैं. उनकी बड़ी चिंता यही है कि चार साल बाद आखिर वे लोग क्या करेंगे. ये छात्र इन बातों से भी नाराज हैं कि सेना की अबतक जो भर्ती प्रक्रिया चली आ रही थी, उसका फिजिकल होने के बावजूद इनको अबतक सेना की नौकरी नहीं मिली है.

अग्निपथ स्कीम का विरोध क्यों कर रहे युवा?
बिहार समेत कई राज्यों के छात्र अग्निपथ स्कीम के नियमों पर नाराज हैं. उनका कहना है कि अग्निपथ स्कीम में चार साल के कॉन्ट्रैक्ट में सेना में भर्ती किया जाएगा. फिर अनिवार्य सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) दे दी जाएगी और ग्रैजुटी या पेंशन जैसे लाभ भी नहीं मिलेंगे जो कि उनकी नजर में ठीक नहीं है.

गुरुवार को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले (Muzaffarpur) में भी भारी विरोध प्रदर्शन हुआ. यह उन इलाकों में शामिल हैं जहां से बड़ी संख्या में युवा सेना में भर्ती होने जाते हैं.

मुजफ्फरपुर में प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि पिछले दो सालों से सेना की भर्ती रुकी हुई है. उन्होंने भर्ती के लिए जरूरी फिजिकल टेस्ट भी पास कर लिया है, बावजूद इसके उनको नौकरी नहीं मिल रही है. इस बीच सेना में नौकरी के नए नियम लाना हताश करने जैसा है.

इसके अलावा कई ऐसे युवा भी हैं जो पिछले तीन सालों से सेना में भर्ती होने की राह तक रहे हैं. कोरोना की वजह से सेना भर्ती बंद रही, अब बड़ी संख्या में युवा ओवरएज हो चुके हैं. इस बीच अब अग्निपथ स्कीम में भी सिर्फ 21 साल की उम्र तक ही अप्लाई किया जा सकता है.

ऐसे में युवाओं का कहना है कि अग्निपथ पॉलिसी लागू होने के बाद सेना भर्ती की आस लगाकर बैठे ओवरएज युवाओं और सेना भर्ती के लिये लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट दे चुके नौजवानों की भी उम्मीदों पर पानी फिर गया है.

‘चार साल बाद हम लोग कहां जाएंगे?’
प्रदर्शन कर रहे छात्र बेहद गुस्से में नजर आए. एक छात्र ने कहा कि हम सेना में जाने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करते हैं. इसे चार साल के लिए सीमित कैसे किया जा सकता है? जिसमें ट्रेनिंग के दिन और छुट्टियां भी शामिल हों? सिर्फ तीन साल की ट्रेनिंग के बाद हम देश की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं? सरकार को इस स्कीम को वापस लेना चाहिए.

जहानाबाद में प्रदर्शन कर रहे एक छात्र ने कहा कि हम चार साल के बाद काम करने कहां जाएंगे? चार साल की सर्विस के बाद हम लोग बेघर हो जाएंगे. इसलिए हम लोग सड़कों पर उतरे हैं. प्रदर्शनकारी ने कहा कि देश के नेताओं को समझना होगा कि जनता जागरूक है.

क्या है अग्निपथ स्कीम?
भारतीय सेना में पहली बार ऐसी कोई स्कीम लॉन्च की गई है, जिसमें शॉर्ट टर्म के लिए सैनिकों की भर्ती की जाएगी. इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा. ये युवा साढ़े 17 साल से 21 साल की उम्र के बीच के होंगे.

-ये भर्तियां मेरिट और मेडिकल टेस्ट के आधार पर की जाएंगी.
-इन चार वर्षों में सैनिकों को 6 महीने की बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाएगी.
-30-40 हजार मासिक वेतन के साथ अन्य लाभ भी दिए जाएंगे.

-पहले साल में 30 हजार, दूसरे साल में 33 हजार, तीसरे साल में 36500 और चौथे साल में 40 हजार मासिक वेतन दिया जाएगा.
-चार साल पूरे होने के बाद इन सभी अग्निवीरों की सेवा समाप्त हो जाएगी और फिर नई भर्तियां की जाएंगी.
-सेवा समाप्त होने वाले 25 फीसदी अग्निवीरों को स्थायी काडर में भर्ती किया जाएगा.


ऐसे में युवा सवाल कर रहे हैं कि 25 फीसदी अग्निवीरों को तो कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद स्थायी काडर में शामिल कर लिया जाएगा, लेकिन बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों का चार साल बाद क्या होगा. उन्हें भत्ता तो सरकार दे देगी, लेकिन नौकरी कहां से आएगी?

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