रायपुर। बस्तर में पदस्थ रहे और छत्तीसगढ़ के साहित्यकारों से जुड़े भोपाल के दुष्यंत कुमार पांडुलिपि संग्रहालय के संचालक डॉ राजुरकर राज का 14 फरवरी को असामयिक निधन हो गया। छत्तीसगढ़ राष्ट्रभाषा प्रचार समिति ने उनके निधन पर शोक सभा करके श्रद्धांजलि अर्पित की है।
समिति के अध्यक्ष गिरीश पंकज, संचालक डॉ सुधीर शर्मा, डॉ. जेआर सोनी, डॉ आलोक शुक्ला, उधो प्रसाद साहू, शकुंतला तरार, आदि ने डॉ राजुरकर के योगदान को ऐतिहासिक बताया। उल्लेखनीय है कि डॉ. राजुरकर ने भोपाल में दुष्यंत कुमार पांडुलिपि संग्रहालय की स्थापना करके देश भर के सैंकड़ों पांडुलिपियों को संग्रहीत किया है। वे जगदलपुर आकाशवाणी में भी पदस्थ रहे।