पाटन@मनीष चंद्राकर। एक पंथ दो काज यह मुहावरा तो हम सबने कभी न कभी सुना ही है, लेकिन एक पंथ तीन काज की बात शायद ही किसी ने सुना या देखा हो, इसे छत्तीसगढ़ राज्य के बेल्हारी गांव में जाकर देखा और समझा जा सकता है जहां पंचायत प्रतिनिधियों और युवाओं की मदद से डेढ़ एकड़ बंजर जमीन को अतिक्रमण के मुक्त कराकर हराभरा बना दिया !
जानकारी के अनुसार दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक के ग्राम पंचायत बेल्हारी ने वर्ष 2020-21 महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत छायादार और फलदार पौधरोपण कराया था, इसके डेढ़ एकड़ भूमि में विविध प्रजाति के एक हजार पौधे रोपे गए थे, जो आज दो साल में पेड़ के रूप में तब्दील होकर एक बगीचे का रुप ले रहे हैं। पंचायत का यह कार्य आज सभी के लिए एक मिसाल बन गया है पंचायत द्वारा मनरेगा से किए गए इस काम से गांव की डेढ़ एकड़ सरकारी जमीन अतिक्रमण से मुक्त तो हुई साथ ही पौधरोपण से गांव का पर्यावरण हरा-भरा होकर यह क्षेत्र ऑक्सिजोन के रूप में तब्दील हो गया है,वहीं भविष्य में यह ग्राम पंचायत की आय का जरिया भी बनने जा रहा है। इस काम में अनेक ग्रामीण परिवारों को मनरेगा से सीधे रोजगार भी मिला, पौधों की सुरक्षा एवं संवर्धन के लिए यहां पूरे क्षेत्र की तार से फेंसिंग की गई है,ग्राम पंचायत ने 14वें वित्त आयोग की राशि से नलकूप कराकर पौधों के सिचाई के लिए पानी की व्यवस्था भी की,राष्ट्रीय पंचायत दिवस पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में चर्चा करते हुए स्थानीय सरपंच जितेश्वरी महमल्ला ने बताया कि पंचायत के लिए गाँव की शासकीय भूमि को अतिक्रमण से बचाना सबसे बड़ी चुनौती रहती है इसे देखते हुए पंचायत के उपसरपंच मनीष चंद्राकर की पहल पर यहां मनरेगा के माध्यम से पौधरोपण कर इसे सुरक्षित करने की दिशा में काम शुरू किया,जिसमे स्वयंसेवी संस्था युवा मित्र मंडल से जुड़े युवाओं ने दो बरस तक निःस्वार्थ सेवा दिया,इस कार्य से गांव में हरियाली तो बड़ी इसके साथ ही ग्रामीणों ,खासकर युवाओं में पेड़ पौधों की सुरक्षा के प्रति जागरुकता भी पनपी और ग्रामीणों को रोजगार भी मिला !
■ पेड़ पौधों का संरक्षण सामूहिक जिम्मेदारी–
पंचायत के उपसरपंच मनीष चंद्राकर ने बताया कि यहां हर्रा,बहेरा,आंवला,अमरूद,जामुन,आम,अशोक,अकेशिया,पुत्रजीवा,खम्हार,कदम्ब,चंदन,सिंदूरी,गुलमोहर,नीम, तेंदू सहित अन्य प्रजातियों के हजार भर पौधे सतत देखभाल और सेवा के चलते अब पेड़ के रूप में विकसित हो रहे है ,पौधों के बड़े होते ही अब यहां तितली सहित अनेक पक्षियों का आना भी शुरू हो गया है यह छोटा सा उपवन अब सभी को राहत देने लगा है,श्री चंद्राकर के मुताबिक पेड़ पौधों का संरक्षण सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है !
■ पंचायत की सक्रियता और दूरदर्शिता काम आई–संतोष राठी
ग्राम पटेल संतोष राठी एवं ग्रामीण भूषण चंद्राकर के मुताबिक पंचायत की सक्रियता और दूरदर्शिता तथा नियमित देखभाल के कारण पौधरोपण के दो साल बाद आज सभी पौधे जीवित है और पेड़ बनने की ओंर अग्रसर हैं। पंचायत सचिव कामता पटेल ने बताया कि यह पंचायत के लिए आय का साधन बन सकता है गया है इसे गांव की पंजीकृत समिति या समूहों से जोड़कर आय उत्पादक काम के लिये प्रेरित करने की योजना बनाया जा रहा है जिससे गांव के युवाओं व महिलाओं को स्व-रोजगार का साधन मिल सके !