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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। सरकार ने तीन दिन में तीन अफसरों को सस्पेंड कर दिया। जिसमे दो राज्य प्रशासनिक सेवा और एक भारतीय वन सेवा के अधिकारी शामिल हैं। आपको बता दे की करोड़ों के मुआवजा घोटाले में दो दिन में दो डिप्टी कलेक्टरों को सस्पेंड किया गया है। भारत सरकार के भारतमाला परियोजना रायपुर-विशाखापट्टनम सिक्स लेन ग्रीन कारिडोर के बहुचर्चित मुआजवा घोटाले में ये कार्रवाई की है। छत्तीसगढ़ सरकार ने बुधवार को डिप्टी कलेक्टर शशिकांत कुर्रे को निलंबित कर दिया।

शशिकांत मुआवजा घोटाले के दौरान अभनपुर के तहसीलदार थे। वो अभी कोरबा में पोस्टेड हैं। उन्हें 324 करोड़ के स्कैम का मास्टरमाइंड बताया जाता है। विधानसभा में 324 करोड़ के घोटाले पर बवाल मचने पर सरकार ने तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू को मंगलवार को ही सस्पेंड कर दिया। इसके बाद बुधवार को सरकार ने कोरबा में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर शशिकांत कुर्रे पर निलंबन की गाज गिरायी है।

वहीं अशोक पटेल ऑल इंडिया सर्विस के अफसर हैं। डीएफओ रैंक के अफसर को सस्पेंड करना बड़ी कार्रवाई मानी जाती है। इन पर तेंदूपत्ता बोनस राशि में गड़बड़ी किए जाने का आरोप है। दरअसल सुकमा वनमंडल के अंतर्गत तेंदूपत्ता सीजन वर्ष 2021 और 2022 के बोनस में भुगतान में गड़बड़ी हुई थी। कोंटा वन मंडल में 6 करोड़ की राशि का आबंटन हुआ था। इस मामले की जांच की जा रही थी। इसमें सुकमा वन मंडल अधिकारी अशोक पटेल की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विधानसभा के बजट सत्र में एक सवाल के जवाब में कहा था कि उनकी सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है, गड़बड़ी में लिप्त किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।