बच्चा चोरी के आरोप में साधुओं के साथ मारपीट करने वालों की धरपकड़ शुरू: दुर्ग पुलिस ने 4 लोगों को किया अरेस्ट…30 से 35 लोगों की लिस्टिंग, दुर्ग एसपी बोले…

भिलाई। बच्चा चोरी के आरोप में तीन साधुओं के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ धरपकड़ शुरू हो गई है। दुर्ग पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। ये चार लोग साधुओं के साथ जमकर मारपीट किए हैं। इन चार के अलावा अन्य लोगों की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है। क्योंकि 30 से 35 लोगों की लिस्टिंग की गई है। वीडियो वायरल होने के बाद से इनकी पहचान की जा रही है।

दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने कहा, इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वीडियो के आधार पर 30 से 35 लोगों का चिन्हांकन किया गया है। जिन्होंने उकसाया है, उनके खिलाफ प्राथमिक रूप से कार्रवाई की जाएगी। तीनों साधु गांव में घूम रहे थे, एक बच्चे को प्रसाद खिला रहे थे। प्रसाद की बात को लेकर अफवाह फैली और भीड़ में मौजूद लोगों ने मारपीट की। पुलिस ने साधुओं का रेस्क्यू की और उपचार कराया। फिलहाल अलवर की तरफ रवाना हो गए। सोशल मीडिया में वीडिया वायरल हुआ तो वीडियो के आधार पर जांच शुरू हुई।

पुलिस के मुताबिक चरोदा क्षेत्र में कहीं से तीन साधु आ रहे थे। उसी दौरान किसी ने हल्ला करना शुरू कर दिया कि ये साधु बच्चा चोरी करते हैं। इसके बाद कुछ युवकों ने उन साधुओं को पीटना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे लोगों की भीड़ वहां जुट गई। कई लोग एक साथ दौड़ते हुए मौके पर पहुंच गए और साधुओं को जमकर पीट दिया।

इसी दौरान किसी ने घटना की सूचना पुलिस को दे दी। कुछ ही देर बाद पुलिस का एक जवान मौके पर पहुंचा और उसने किसी तरह से तीनों साधुओं को एक टैक्सी में बिठा दिया। दूसरे पुलिस कर्मियों को मौके पर बुलाया गया। तब तक भीड़ उस टैक्सी तक भी पहुंच गई और वहां भी साधुओं को मारा गया। पुलिस इस केस में 30 से ज्यादा लोगों से पूछताछ कर रही है।

बताया गया है कि जिन साधुओं की पिटाई की गई है वह राजस्थान के अलवर जिले के गोविंदगढ़ के रामवास मोहल्ले के रहने वाले हैं। इनका नाम राजबीर सिंह, अमन सिंह और श्याम सिंह है। तीन रेलवे क्षेत्र चरोदा में काफी समय से किराए का मकान लेकर रह रहे थे। यहां वे राशन और कपड़े मांग कर अपना जीवन गुजारा कर रहे थे।

टीआई का कहना है कि उन्हें इन साधुओं की कोई संदिग्ध गतिविधि अब तक नहीं मिली है। पब्लिक ने बच्चा चोरी का आरोप लगाकर इन्हें क्यों मारा, इसकी जांच की जा रही है।

इस पूरे मामले में पुलिस का कहना है कि बेवजह ही साधुओं पर शराब के नशे में हमला किया गया है। कुछ लोग चरोदा में दशहरे के मौके पर पार्टी कर रहे थे। इस बीच उन्होंने साधुओं को देखा, वहीं पर किसी ने ये हल्ला कर दिया कि ये लोग बच्चा चोरी करते हैं।

इसके बाद शराब के नशे में इन्हीं लोगों ने पहले पहले साधुओं को पीटना शुरू किया। फिर धीरे धीरे भीड़ जुट गई और साधुओं को बच्चा चोर कहते हुए बुरी तरह मारा गया। तीन को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका उपचार जारी है।

इस मामले में प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा है कि घटना के बारे में जानकारी मिली है, लेकिन घटना के क्या कारण रहे हैं वह पता किया जा रहा है। फिलहाल पूरा मामला जांच में है और कारणों का पता चलने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है। साव ने कहा कि प्रदेश में अगर कोई अफवाह फैला रहा है तो सरकार समय रहते उस पर लगाम क्यों नहीं लगा पाई। मंदिरों के पुजारी, मंदिरों के बाहर बैठने वाले भिक्षुक, साधु संत, पूजा पाठ करने वाले लोगों की सुरक्षा के प्रति सरकार उदासीन क्यों है। प्रदेश में हर दिन बड़ी-बड़ी घटनाएं हो रही हैं, लेकिन प्रशासन, सरकार इस पर मौन रहती है। ऐसे में जनता की सुरक्षा करने का जिम्मा आखिर कौन संभाल रहा है।