मां है या जल्लाद! 7 साल की बेटी को प्रेस से जलाया, हाथ तोड़ा… और यातनाएं देने के लिए प्राइवेट पार्ट में लकड़ी डाल दी… पढ़िए ये दिल दहला देने वाली स्टोरी

क्राइम डेस्क। क्या कोई इतना बेरहम हो सकता है कि जिस मासूम को उम्मीदों के सपने दिखाकर, गोद लेकर अपने घर लाए फिर उसी पर घिनौने अत्याचार करे? लेकिन प्रयागराज में ऐसा ही कुछ हुआ। एक महिला ने 7 साल की मासूम बच्ची को इतनी बेदर्दी से यातनाएं दी (The woman tortured the 7-year-old innocent girl so mercilessly) कि सुनने वाले का कलेजा ही फट जाए। उसने उस बच्ची को प्रेस से जगह-जगह जलाया, डंडे से पीटा, कोहनी से हाथ तोड़ दिया। जब इतने से दिल न भरा तो बच्ची के प्राइवेट पार्ट में लकड़ी घुसेड़ दी (wood was inserted in the private part of the girl)। राहत बस इतनी है कि आर्मी के डॉक्टरों की कोशिशों के बाद बच्ची की हालत कुछ बेहतर है।

इस बेहरमी का खुलासा तब हुआ जब कैंटोनमेन्ट जनरल हॉस्पिटल में शनिवार को ईलाज व एक्सरे करने के लिए डॉक्टर्स को चोट देखकर शक हुआ। मासूम बच्ची के शरीर पर लगी चोट और कोहनी से टूटा हाथ कुछ और प्रताड़ना की कहानी बता रहे थे।

डॉक्टर्स ने अपने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। महिला डॉक्टर्स ने बच्ची का चेकअप किया तो जो बात सामने आई उसे जानकर पूरा हॉस्पिटल स्टाफ व अधिकारी सन्न रह गए। 7 वर्षीय बच्ची के प्राइवेट पार्ट्स से खून रिस रहा था जिसको छिपाने की कोशिश की गई थी। कपड़ा ओपन करते ही ब्लड निकलने लगा। तुरंत ही ट्रीटमेंट शुरू हुआ। किसी तरह डॉक्टर्स की टीम ने ब्लीडिंग को रोकने में सफलता पाई। बच्ची की हालत अब कुछ बेहतर है।

कैंटोनमेन्ट जनरल हॉस्पिटल के अनुसार, हॉस्पिटल में बच्ची को वही दम्पप्ति लेकर आए थे जिन्होंने प्रताड़ना दी थी। हॉस्पिटल व डॉक्टर्स को गुमराह करने के लिए उन्होंने बताया कि घर के बच्चों में आपस में लड़ाई हुई। छोटे भाई ने बच्ची को मार दिया हाथ में चोट आई है। उसी का एक्सरे कराने आए हैं।

कैंटोंमेंट बोर्ड के सीईओ ने एसएचओ कैंट को सूचित किया जहां से प्रभारी निरीक्षक धूमनगंज को कार्यवाही के लिए कहा गया। लेकिन प्रथम जांच के क्रम में नींवा चौकी प्रभारी शिव प्रताप वर्मा ने मामले को दबाने की कोशिश करते हुए गोल मोल जबाब दिया। घटनास्थल की जानकारी गलत दी गई, जबकि घटना स्थल नींवा चौकी क्षेत्र में ही था। धूमनगंज थाना क्षेत्र के प्रीतमनगर के आगे सन साइन अपार्टमेंट में आरोपी दम्पति रहता है। यहीं बच्ची के साथ क्रूरता की गई।

कैंटोनमेंट जनरल हॉस्पिटल के मैनेजमेंट प्रभारी सिद्धार्थ ने बताया कि पूछने पर पता चला कि धूमनगंज थाना क्षेत्र के सन साइन अपार्टमेंट, प्रीतम नगर की रहने वाली महिला के पति आर्मी स्कूल में पढ़ाते हैं। उन्होंने दिल्ली के एक अनाथालय से बच्ची को गोद लिया था।

आरोपी दम्पति गिरफ्तार
एसएचओ धूमनगंज राजेश कुमार मौर्या ने बताया कि बच्ची के साथ क्रूरता व दुर्व्यवहार के सम्बंध में मुकदमा पंजीकृत किया है। आरोपी महिला और उसके पति को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में आरोपी दंपति ने बताया कि बच्ची से नौकर की तरह घरेलू काम कराते थे। काम न करने पर डराते और पीटते थे। आगे की विधिक कार्यवाही जारी है।

कैंटोनमेन्ट बोर्ड के CEO ने ली बच्ची की जिम्मेदारी
कैंटोंमेंट जनरल हॉस्पिटल के मैनेजमेंट इंचार्ज सिद्धार्थ ने बताया कि सीईओ मो० समीर इस्लाम ने जब जाना कि मासूम बच्ची का अब कोई सहारा नहीं है तो उन्होंने कंटोनमेन्ट बोर्ड में एडमिट बच्ची के इलाज का पूरा खर्चा उठाने का फैसला किया। इतना ही नहीं बेहतर इलाज के लिए रेफर होने पर इलाज का खर्च वहन करने और भविष्य में बच्ची के दवा, इलाज, पढ़ाई आदि की भी जिम्मेदारी निभाने की बात कही है।

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