World Social Medai Day पर “सोशल मीडिया 4 सोशल गुड” विषय पर हुआ एक दिवसीय सेमिनार; विभिन्न पहलुओं पर इन्फ्लुएंसर्स ने किया पैनल डिस्कशन; छत्तीसगढ़ DPR, ABC और UNICEF ने किया आयोजन

  • यूनिसेफ, जनसंपर्क विभाग और अलायन्स फॉर बिहेवियर चेंज के संयुक्त तत्वाधान में हुआ आयोजन
  • समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए व्यवहार परिवर्तन पर प्रशिक्षण की आवश्यकता पर हुई चर्चा
  • सोशल मीडिया के विभिन्न पहलुओं पर पैनल डिस्कशन
  • सोशल मीडिया की मदद से बदलाव लाने वाले उत्कृष्ट परफॉर्मर्स का हुआ सम्मान

रायपुर। आज के दौर में सोशल मीडिया में अधिकतर लोग अपना ज्यादा समय व्यतीत करते है। 30 जून वर्ल्ड सोशल मीडिया डे के दिन छत्तीसगढ़ शासन के जनसंपर्क विभाग ,यूनिसेफ और छत्तीसगढ़ एलायंस फॉर बिहेवियर चेंज के संयुक्त तत्वावधान के संयुक्त तत्वाधान में 30 जून को “विश्व सोशल मीडिया दिवस” के अवसर पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में प्रदेश के सोशल मीडिया इनफ्लूएंसर, समाज सकारात्मक बदलाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले सोशल चेंज मेकर्स ,समाज सेवी ,स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि,वोलेंटियर और विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं के विद्यार्थी शामिल हुए जिन्होंने समुदायों के भीतर व्यवहार परिवर्तन को बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया टूल का प्रभावी ढंग से उपयोग किया है।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन ,छत्तीसगढ़ महतारी की तस्वीर पर माल्यार्पण और राज्य गीत के साथ किया गया। “सोशल मीडिया 4 सोशल गुड” थीम पर हुए आयोजन में यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख जॉब जकारिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि सकारात्मक बदलाव के उत्प्रेरक के रूप में सोशल मीडिया की क्षमता को पहचान कर उसका उपयोग करना चाहिए।

जनसंपर्क विभाग के संचालक सौमिल रंजन चौबे ने सोशल मीडिया फॉर गुड गवर्नेंस विषय पर प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया उन्होंने कहा राज्य शासन की महत्त्वपूर्ण योजनाओं के व्यापक प्रचार प्रसार हेतु जनसंपर्क विभाग द्वारा सोशल मीडिया का बेहतर इस्तमाल किया जा रहा है। अपनी नैतिक जिम्मेदारी के तौर पर विभाग की यह कोशिश रहती है कि गलत सूचनाओं के बारे में जनता को आगाह करते रहें। उन्होंने कहा कि, आज जिस तरह सोशल मीडिया का प्रभाव बढ़ रहा है, ऐसे में हमें यह भी तय करना है कि हमारी सामाजिक जिम्मेदारी क्या है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य शासन को आम जनता की समस्या का त्वरित समाधान करने में काफी मदद मिली है। आज कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक अपनी बात पहुंचा सकता है।

कार्यक्रम में 2016 में फोर्ब्स एशिया 30 अंडर 30 के रूप में सूचीबद्ध प्रसिद्ध डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफर विकी रॉय ने “फोटोग्राफी ए मिरर टू द सोसायटी” विषय पर बात की। उन्होंने बताया कि फोटोग्राफी और सोशल मीडिया के बेहतर उपयोग से समाज के ज़रूरत मंद लोगों तक कैसे मदद पहुंचाई जा सकती है। उन्होंने अपनी कला के बेहतर प्रचार प्रसार हेतु सोशल मिडिया के प्रभाव पर भी चर्चा की।

कार्यशाला में दो पैनल डिस्कशन हुए पहले पैनल डिस्कशन में “सोशल मीडिया के इस्तेमाल से व्यवहार परिवर्तन” विषय पर चर्चा किया गया। इसमें कलाकार प्रमोद साहू, “बंच ऑफ़ फूल्स”के सतीश भुवालका, रेडियो जॉकी की रिचा गोस्वामी, और अन एक्सप्लोर्ड बस्तर के जीत सिंह आर्या ने प्रभावी तरीके से अपनी बात रखी। दूसरे पैनल डिस्कशन में सामाजिक समस्या और उसके समाधान के लिए सोशल मीडिया के श्रृंखलाबद्ध इस्तेमाल पर चर्चा हुई। इसमें बतौर पैनलिस्ट इंटरनेशनल मॉडल की वीना सेंद्रे, ह्यूमन ऑफ छत्तीसगढ़ के आकाश गुप्ता और फूड ब्लॉगर मयंक कर्रा ने अपने विषयों पर अपने अनुभव बताए। यूनिसेफ एस बी सी स्पेशलिस्ट अभिषेक सिंह ने प्रतिभागियों को सोशल मीडिया पर व्यवहार परिवर्तन पर मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर पूरे प्रदेश से आए सोशल मीडिया के बेस्ट परफॉर्मर्स को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम में एस बी सी कंसल्टेंट नियति राज ,चंदन कुमार, छत्तीसगढ़ संवाद से महाप्रबंधक विनायक शर्मा, सहित बड़ी संख्या में सामाजिक परिवर्तन के वाहक युवा स्वयं सेवकों ने शिरकत की।

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