भिलाई। कानून के हाथ लंबे होते है, ये कहावत तो आपने सुनी होगी। आरोपी चाहे कितने सालों से ही फरार हो या कितनी भी दूर चले जाए, दुर्ग पुलिस उसे 12 साल भी भी पकड़ कर जेल भेज सकती है। दुर्ग पुलिस को हत्या के फरार आरोपी को पकड़ने में 12 सालों बाद सफलता मिली है। दरहसल थाना नेवई में 12 साल पहले हुए हत्या के मामले में फरार आरोपी को एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट (एसीसीयू) ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान घासु उर्फ झासु उम्र 54 वर्ष के रूप में हुई है, जो स्थानीय स्टेशन मरौदा (दुर्ग) का निवासी है। आरोपी पर 10 हजार का ईनाम भो घोषित था।

यह मामला 15 जनवरी 2012 का है, जब ममता साहू (पत्नी) ने थाना नेवई में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ममता ने बताया कि उसके पति घासु उर्फ झासु ने जान से मारने की नीयत से उस पर मिट्टी तेल डालकर आग लगा दी थी। आरोपी के खिलाफ धारा 307 (हत्या की कोशिश) और 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया था। घटना के बाद आरोपी फरार हो गया था और तब से उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही थी।

जांच के दौरान पता चला कि घटना के समय दोनों पति-पत्नी शराब के नशे में थे, और आपसी विवाद के कारण घासु ने अपनी पत्नी पर मिट्टी तेल डालकर आग लगा दी थी। पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू की, लेकिन वह गिरफ्तारी से बचने के लिए नाम और वेशभूषा बदलकर अलग-अलग जगहों पर छिपकर रहने लगा। फरार आरोपी के बारे में सूचना मिली कि वह राजनांदगांव में अपनी बेटी के घर छिपा हुआ था। इस सूचना पर पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की। पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला (भा.पु.से.) के मार्गदर्शन में एसीसीयू टीम ने ग्राम इंदावनी, जिला राजनांदगांव से आरोपी को गिरफ्तार किया। अब आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।

पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह गिरफ्तारी से बचने के लिए जिला बालोद और रायपुर के विभिन्न गांवों और शहरों में वेशभूषा बदलकर मजदूरी करता हुआ फरार था। इस कार्यवाही में एसीसीयू टीम के सउनि गुप्तेश्वर यादव, प्र.आर. पंकज कुमार, मेघराज वेलक, आरक्षक चित्रसेन, अजय ढीमर और राजकुमार चंद्रा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
