भिलाई। भिलाई निगम आयुक्त ने के 77 MLD एवं 66 MLD दो बड़े जल शोधन संयंत्र का आज निरिक्षण किया। इन जल शोधन संयंत्र के माध्यम से नगर निगम भिलाई एवं रिसाली के नागरिकों को पानी की आपूर्ति की जाती है। जल शोधन संयंत्र में शिवनाथ नदी से पानी आता है। नेहरू नगर बटालियन के पास संयंत्र में आधुनिक मशीनों द्वारा उसे साफ करके पीने के योग्य बनाया जाता है। शनिवार को यहां नव नियुक्त आयुक्त राजीव कुमार पाण्डेय संयंत्र का निरीक्षण करने पहुंचे।

वहां पर उन्होंने पानी कैसे साफ किया जाता है, किस प्रकार से रॉ वॉटर को पीने की योग्य बनाया जाता हैं… उसकी पूरी प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त की। ऑटोमेटिक सिस्टम होने के कारण कंप्यूटर में यह पता चल जाता है कि, पानी कैसे आ रहा है, कहां जा रहा है, किस प्रकार से शुद्धिकरण हो रहा है, अगर कहीं पर भी कोई गड़बड़ी होती है तो सिस्टम बता देता है। वहां उपस्थि आधिकारिक कर्मचारियों को निर्देश दिए गए की पानी की सप्लाई सुचारू रूप से चलनी चाहिए। एक बैकअप प्लान भी होना चाहिए अगर कभी किसी कारण से एक सिस्टम में खराबी आ जाए दूसरा चालू कर दिया जाए। आयुक्त द्वारा वहां पर स्थित लेबोरेटरी का भी निरीक्षण किया गया।

किस प्रकार से नगर निगम के विभिन्न क्षेत्रों से पानी का सैंपल लाया जाता है। वहां पर जांच किया जाता है कि पानी पीने के योग्य है कि नहीं। उसमें किसी प्रकार की बैक्टीरिया या कोई अशुद्धि तो नहीं है।… इन बातों का भी धयान रखा गया। गौरतलब है कि नगर निगम भिलाई के कर्मचारी विभिन्न वार्डों में जाते हैं। औचक रूप से किसी घर से या बोरिंग से पानी का सैंपल लेते हैं। लाकर के लेबोरेटरी में चेक करते हैं। कि पानी के सप्लाई में किसी प्रकार का अशुद्धि तो नहीं है। उन्होंने कहा कि, यह देख करके बहुत अफसोस होता है कि कुछ लोग इतनी कीमती पानी को बर्बाद करते हैं। नल को बंद नहीं करते, नगर निगम के नल को तोड़ देते हैं। जिससे पानी बेकार गिरता है। पानी सबको बचाना आवश्यक है। निरीक्षण के दौरान अभियंता संजय अग्रवाल, बृजेश श्रीवास्तव, अर्पित बंजारे, जनसंपर्क अधिकारी अजय शुक्ला आदि उपस्थित रहे।
