दुर्ग। 3 दिसंबर 2024 को सुबह 10 बजे अहिवारा के ग्राम गोढ़ी, जिला दुर्ग के गोठान में एक अत्यंत दुखद घटना घटी, जिसमें कई गौ माताओं और गौवंशों की भूख और प्यास के कारण मृत्यु हो गई। सूचना मिलने के बाद गौ सेवक प्रीतम साहू, गौ सेवक नरेश चंद्रवंशी, गौ सेवक कुमार साहू, गौ सेवक संस्कार गोस्वामी, गौ सेवक भानु पांडेय और अन्य गौ सेवक तुरंत गोठान पहुंचे। वहां उन्होंने जो दृश्य देखा, वह हृदयविदारक था- गौ माता और गौवंशों के शरीर बेहद कमजोर हो गए थे, उनकी हड्डियां तक दिखने लगीं थीं, और उनका शरीर कंकाल जैसा हो गया था। उनके शव गोठान के विभिन्न हिस्सों में फैले हुए थे, गौवंशों के शरीर कंकाल बन चुके थे और कुछ को गोठान के बाहर फेंक दिया गया था। बताया जा रहा है कि, करीबन 15-20 गौवंशों की लाश और कंकाल मौके पर पड़ी हुई है।

गौ सेवकों ने सरपंच से संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि उन्हें इस स्थिति के बारे में दो दिन पहले सूचना मिली थी, लेकिन उन्होंने न तो गौ माताओं का उपचार कराया और न ही चारा और पानी की व्यवस्था की। इसके अलावा, सरपंच ने समय रहते किसी डॉक्टर को भी सूचित नहीं किया। खबरों के अनुसार, सरपंच ने गौवंशों की हड्डियों और खाल को बेचने की बात कही। यह सुनकर गौ सेवक अत्यधिक दुखी और आहत हुए।

उन्होंने कहा कि, गौ माता हमारे लिए केवल एक पशु नहीं, बल्कि एक मां के समान हैं। हम हिंदू धर्म में गौ माता को पूजनीय मानते हैं और उनका पालन-पोषण हमारी जिम्मेदारी है। इस घटना ने हमें बहुत दुखी किया है, क्योंकि हम गौ माता को इस स्थिति से बचा नहीं पाए। हम सभी गौ सेवक प्रार्थना करते हैं, “माफ करना गौ माता, हम तुम्हें बचा नहीं पाए।” हम जानते हैं कि यह हमारी असमर्थता थी, लेकिन हम अपनी पूरी कोशिश करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटना न हो।

गौ सेवकों ने नंदिनी थाना पहुंचकर एफआईआर दर्ज करवाई और सरपंच के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। गांववासियों में भी इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी और चिंता है। सभी ने सरपंच के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि, हम चाहते हैं कि इस दुखद घटना के दोषियों को उचित सजा मिले, ताकि भविष्य में कोई और गौ माता इस तरह से अपनी जान न गंवाए। हमें यह समझना चाहिए कि गौ माता का पालन केवल एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक पुण्य कार्य है। इस घटना ने हमें यह अहसास दिलाया कि हमें गौ सेवा में और भी जागरूक और जिम्मेदार बनना होगा। हम सभी को मिलकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाएं कभी न हों।