रायपुर। विधायक देवेंद्र यादव की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच ने देवेंद्र यादव की जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा था, जिस पर आज आदेश जारी किया गया है। विधायक देवेंद्र यादव के वकील ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान तर्क दिया था कि, उनके क्लाइंट का इस घटना से कोई संबंध नहीं है।

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने कहा कि हिंसा के दौरान देवेंद्र यादव मौजूद नहीं थे। शासन ने कहा- भाषण देकर आंदोलनकारियों को विधायक ने भड़काने का काम किया है। सुनवाई के दौरान विधायक के वकील ने कहा कि उन्हें झूठे केस में फंसाया गया है।

राज्य शासन की तरफ से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसर ने विधायक देवेंद्र यादव पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस एनके व्यास ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिस पर आज फैसला सुनाते हुए जमानत याचिका खारिज कर दी है।

बलौदाबाजार हिंसा मामले में विधायक देवेंद्र यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन पर आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसक प्रदर्शन के लिए उकसाने का आरोप है। विधायक देवेंद्र यादव की जमानत लोअर कोर्ट ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। बलौदाबाजार हिंसा मामले में विधायक देवेंद्र यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन पर आगजनी, तोड़फोड़ और हिंसक प्रदर्शन के लिए उकसाने का आरोप है। विधायक देवेंद्र यादव की जमानत लोअर कोर्ट ने खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की।

लेकिन वहां भी उन्हें झटका लगा है। इससे पहले पुलिस ने देवेंद्र यादव और ओमप्रकाश बंजारे के खिलाफ 449 पेज का चालान पेश किया है।पिछले साल उन्हें 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस बीच उन्होंने जमानत के लिए कई बार अर्जी लगाई। लेकिन, जमानत नहीं मिल पाई।