- सगे चाचा ने ही मासूम से किया दुष्कर्म और मर्डर, पुलिस को करता रहा गुमराह
- कन्याभोज के दिन पूजे जाने वाली माता स्वरुप बच्ची के साथ दरिंदगी ने उठाए कई सवाल
- शॉर्ट पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हुआ सेक्सुअल असाल्ट का खुलासा
- बच्ची के शव के साथ पुलिस थाने के बाहर न्याय मांगने बैठी थी बेबस मां
- दुष्कर्म के बाद पापी चाचा ने गाला दबाकर उतारा मौत के घाट

दुर्ग-भिलाई। दुर्ग के मोहन नगर थाना क्षेत्र में 6 साल की मासूम से रेप और हत्या के मामले में बड़ा खुलसा हुआ है। मासूम बच्ची के सगे चाचा सोमेश यादव ने ही अपनी भतीजी का बलात्कार किया और गला दबाकर हत्या कर दी। रविवार से शहर में तनाव का माहौल बना हुआ है। रविवार को मोहन नगर पुलिस थाना क्षेत्र में एक कार की दिग्गी में बच्ची की लाश मिली। इस मामले में जिस अनहोनी का डर था वो सच हो गया। बच्ची के साथ दरिंदे चाचा ने सेक्सुअल असॉल्ट किया है। शारीरिक शोषण की पुष्टि दुर्ग सिटी एडिशनल SP सुखनंदन राठौर ने की है। शॉर्ट पोस्ट मोर्टेम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। दुर्ग पुलिस कि विशेष टीम ने आरोपी से पूछताछ किया, जिसने बताया कि वह नशे का आदी है बच्ची को अपने मकान के ऊपर वाले रूम में ले जाकर अनाचार कर अपने आप को बचाने के लिए बालिका का हत्या कर खड़ी कार के सीट के नीचे बच्ची को डाल दिया। आरोपी के विरूद्ध धारा 103(1), 64(2f), 65(2), 66, 238A बीएनएस, पाक्सो एक्ट की धारा 6 जोड़ कर आरोपी के विरूद्ध थाना मोहन नगर से अग्रिम कार्यवाही की जा रही है। जिस काले रंग की जेस्ट कार क्रमांक CG-11-AX-2219 से पुलिस को बच्ची की लाश मिली उसे भी पुलिस ने जब्त किया है।

दुर्ग सिटी ASP सुखनंदन राठौर ने बताया कि, ” दुर्ग पुलिस ने 3 संदेही को हिरासत में लिया था। फिजिकल एविडेंस में बच्ची का चाचा सोमेश यादव (24) आरोपी पाया गया और उसने अपना जुर्म स्वीकार किया। आरोपी चाचा का बच्ची के परिवार से कोई पारिवारिक विवाद नहीं था, दोनों परिवार के बीच अच्छे पारिवारिक संबंध थे। आरोपी ने ये कृत्य क्यों किया इसकी जांच की जा रही है। हम इस मामले आगे भी जांच कर रहे है। फिजिकल और DNA टेस्ट करवाए जाएंगे। आरोपी को कठोर से कठोर दंड मिले। हम प्रयास करेंगे की फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में इसका रैपिड ट्रायल हो और आरोपी को कठोर दंड मिले और हमारी टीम उस समय भी काम करते रहेगी ताकि आरोपी को कठोर दंड मिले। राठौर ने बताया कि, आरोपी सोमेश यादव के खिलाफ किडनैपिंग, हत्या, रेप और मर्डर, सबूत छुपाने और 12 साल से कम उम्र की बालिका के साथ ऐसा कृत्या का अपराध दर्ज किया गया है।
उपडटेस…
- मर्डर कर गाड़ी में रखा बच्ची का शव…
- सुबह ही वारदात को दे दिया था अंजाम…
- पुलिस ने तीन लोगों को रखा था सस्पेक्ट…
- सबूत मिले चाचा के खिलाफ…
- जिन दो लोगों को पुलिस ने सस्पेक्ट बनाया था
- उनके घर में भीड़ ने पहुँचाया काफी नुकसान…
- सुबह से अपने दादा-दादी के घर आई थी बच्ची…

घिनौने चाचा ने रिश्तों को किया शर्मसार और हैवानियत की हदें पार
आरोपी लगातार पुलिस को गुमराह करता रहा। उसने ने अपनी 6 साल की भतीजी की लाश को पड़ोस में खड़े कार में छिपा दिया। दुर्ग पुलिस ने सोमवार को आरोपी चाचा को हिरासत में लिया। जिसके बाद उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस ने बताया कि, रविवार को सुबह आरोपी चाचा ही बच्ची को उसकी मां के घर से कन्याभोज के बहाने दादी के घर लेकर आया था। सुबह ही उसने मासूम से दुष्कर्म किया और मासूम की हत्या कर दी। जिसके बाद उसने बड़ी चालाकी से दोपहर में ही घर के पड़ासे में खड़े कार का दरवाजा खोलकर लाश को वहां छिपा दिया। जब देर शाम कार के ड्राइवर ने कार का दरवाजा खोला तो उसने लाश देखकर बच्ची के घर वालों को बुलाया। उसी वक्त आरोपी चाचा भी पहुंच गया उसने ड्राइवर को पकड़कर पीटना शुरू कर दिया।

पुलिस को गुमराह करता रहा आरोपी
पुलिस ने संदेही ड्राइवर सहित तीन अन्य को जब हिरासत में लिया तो उनसे उन्हें परिवार के लोगों के ही शामिल होने का क्लू मिला। जिसके बाद पुलिस ने बच्ची के दादा और दादी से सख्ती से पूछताछ की। जिसके बाद दादा ने राज उगल दिया। पुलिस ने आरोपी चाचा को हिरासत में लिया और कड़ाई से पूछने पर उसने अपना जुर्म कबूल लिया। सोमवार को बच्ची के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रेप का खुलासा हुआ था।

कन्याभोज के लिए निकली थी बच्ची
बच्ची जब रामनवमी के दिन नवकन्याभोज खाने गई थी। तब उसके दरिंदे चाचा की नियत डोल गई और उसने मासूम को अपने वासना का शिकार बनाया और मौत के घात उतार दिया। मिली जानकारी के अनुसार कार की डिक्की में बच्ची के हाथ अकड़े हुए थे। चेहरे पर खरोंच के निशान हैं। होंठ और नाक से खून निकल रहा था। धूप में गर्मी कि वजह से बच्ची के शरीर में फफोले या गए थे। परिजन ने रेप के बाद हत्या का आरोप लगाया है। वारदात के बाद भीड़ उग्र हो गई। संदेही युवक के घर और कार में तोड़फोड़ कर आग लगा भी दी गई। जिन लोगों ने लॉ एण्ड ऑर्डर कि स्थिति उत्पन्न कि उनपर भी पुलिस एक्शन लेगी।

पुलिस थाना के सामने सुबह से तनाव
सोमवार सुबह से पुलिस थाना के सामने तनाव का माहौल बना हुआ था। लोगों में काफी आक्रोश देखा गया। दुर्ग पुलिस ने 24 घंटे के पहले ही मामले को सुलझा लिया है। मोहन नगर थाने के सामने परिजन, पड़ोसी, तमाम संगठनों से जुड़े लोग और आम नागरिकों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान स्थिति को नियंत्रित करने पुलिस ने हल्का बल का प्रयोग भी किया, दूसरे तरफ से भी पथराव हुआ था। बच्ची के पोस्ट मोर्टेम के बाद परिजनों ने बच्ची का शव ई रिक्शा में रख ठाणे ले गए जहां उसके मां ने अपने हाथ में बच्ची को रख न्याय की मांग रखी। आक्रोशित भीड़ ने आरोपियों को फांसी देने की मांग की है।

संदेही युवक के घर-गाड़ी को आक्रोशित भीड़ ने किया आग के हवाले
रविवार सुबह बच्ची अपने मां के घर से पांच सौ मीटर दूर बुआ दादी के घर कन्या भोजन के लिए निकली थी। जहां से दोपहर वह गायब हो गई। परिजनों ने काफी ढूंढने के बाद पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसके बाद देर शाम 8.30 बजे बच्ची की लाश पड़ोस में रहने वाले युवक की कार की डिक्की से मिली। बच्ची की हत्या और दुष्कर्म की आशंका के चलते गुस्साई भीड़ ने संदेही युवक के घर में आधी रात आग लगा दिया और जमकर तोडफ़ोड़ की। स्थिति बिगड़ता देख मौके पर एसपी जितेंद्र शुक्ला और एएसपी सुखनंदन राठौर पहुंचे। बल की तैनात करते हुए किसी तरह आक्रोशित भीड़ को शांत कराया गया।

अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने घोषित किया ब्रॉट डेड
दिनभर तलाश के बावजूद मासूम का पता नहीं चला। शाम को बच्ची की लाश घर के पास खड़ी एक युवक (28) की कार में मिली। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्ची के शव को दुर्ग जिला अस्पताल भेजा, वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने शुरुआती जांच में बच्ची की मौत इलेक्ट्रिक शॉक लगने से होना बताया गया। मृतक बच्ची की दादी के मुताबिक उन्होंने युवक को दिन में कार के आसपास घूमते देखा था। युवक की तीन-चार कार है। शाम को उसने ही जानकारी दी कि बच्ची कार में है। कार लॉक थी, उसने ही दरवाजा खोला।

आपसे सवाल: हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है?
इस घिनौने वारदात ने हमारे समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है? नवरात्री में हम देवी मां के 9 रूप को पूजते, नवरात्री के आखिरी दिन उस मासूम बच्ची के साथ ऐसा कृत्य उसके सगे चाचा ने ही किया। कन्याभोज के लिए गई बच्ची जो देवी के रूप में पूजी जाती है, उसे भी इस दरिंदे के नजर से नहीं बचाया जा सका। उस बच्ची ने इस दुनिया से से जाते-जाते मानवजाति के लिए कई सवाल खड़े किए हैं- क्या उसकी गलती सिर्फ इतना था कि वह एक बच्ची थी? यह घटना केवल एक अपराध नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि अब समय आ गया है जब हमें सिर्फ कानून पर नहीं, बल्कि अपने सोच और व्यवस्था पर भी मंथन करना होगा।
