दुर्ग कलेक्टर ने ली शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के संबंध में बैठक, निर्धारित समयावधि में काम पूरा करने के दिए निर्देश

दुर्ग। स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार दुर्ग ज़िले में शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को लेकर आज कलेक्टर अभिजीत सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक कलेक्टोरेट सभाकक्ष में सम्पन्न हुई, जिसमें संयुक्त कलेक्टर हरवंश मिरी, एसडीएम धमधा सोनल डेविड सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि शालाओं एवं शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की पूरी प्रक्रिया को शासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से पूर्ण किया जाए। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षकों की उपलब्धता बच्चों की संख्या के अनुपात में सुनिश्चित की जानी चाहिए। शासन के निर्देशानुसार, एक ही परिसर या निकटवर्ती क्षेत्र में संचालित दो या अधिक शालाओं को एकीकृत किया जाएगा। साथ ही, अतिशेष शिक्षकों को उन शालाओं में स्थानांतरित किया जाएगा, जहां शिक्षक नहीं हैं या केवल एक शिक्षक कार्यरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में 1 किलोमीटर से कम दूरी एवं 10 से कम नामांकन वाले स्कूल और शहरी क्षेत्रों में 500 मीटर की दूरी के भीतर स्थित 30 से कम दर्ज संख्या वाले स्कूलों को युक्तियुक्तकरण के लिए चिन्हित किया जाएगा। पाटन विकासखण्ड में ऐसे दो स्कूल चिन्हित किए गए हैं, जहां दर्ज संख्या कम है।

बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि राज्य शासन के निर्देशों के तहत जिला स्तरीय एवं विकासखण्ड स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। जिला स्तरीय समिति की अध्यक्षता कलेक्टर अभिजीत सिंह करेंगे जबकि मुख्य कार्यपालन अधिकारी, सीएमओ, जिला कार्यक्रम अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी सदस्य रहेंगे। विकासखण्ड स्तरीय समिति की अध्यक्षता अनुविभागीय अधिकारी राजस्व करेंगे तथा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सचिव होंगे। शालाओं और अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन कर सूची तैयार करना, रिक्त पदों की सही जानकारी एकत्र करना और उसे प्रमाणित करना समिति का दायित्व होगा। यह भी निर्देश दिए गए कि युक्तियुक्तकरण योग्य शालाओं की सूची का परीक्षण किया जाए और प्रक्रिया को निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जाए। इस प्रक्रिया से स्वामी आत्मानंद स्कूल और पीएमश्री विद्यालय बाहर रहेंगे। प्राथमिक शालाओं में 60 विद्यार्थियों पर एक प्रधानपाठक और सहायक शिक्षक तथा प्रत्येक 30 विद्यार्थियों पर एक अतिरिक्त सहायक शिक्षक की नियुक्ति होगी। इसी तरह पूर्व माध्यमिक, हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात के आधार पर नियुक्ति एवं युक्तियुक्तकरण किया जाएगा। विशेष रूप से हाई एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में एक विषय के लिए स्वीकृत पद से अधिक व्याख्याता कार्यरत हैं, उनमें कनिष्ठ व्याख्याताओं को अतिशेष मानते हुए स्थानांतरित किया जाएगा। यदि किसी विद्यालय में अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं, तो वहां के नियमित व्याख्याता को अतिशेष की श्रेणी में रखा जाएगा।

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