दुर्ग निगम का “टॉर्जन द वंडर कार”: जिस गाड़ी को मान लिए थे कबाड़, उसे दुर्ग निगम के अफसरों ने बना दिया चलने लायक, मेयर और कमिश्नर ने गैरेज प्रभारी की थपथपाई पीठ

दुर्ग। दुनिया में कोई चीज खराब नहीं होती। बस उसकी उपयोगिता समझनी होगी और उसे सही तरीके से व्यवस्थित करनी होगी। दुर्ग निगम के अफसरों ने इस बात को फिर से साबित कर दिया है। कबाड़ से जुगाड़ और वेस्ट को बेस्ट बनाने की कला दुर्ग निगम के अफसरों में बेहतरीन है।

इस बार उस गाड़ी को मॉडिफाइड किया है जिसे आप और हम कबाड़ समझते। कबाड़ के वक्त उस गाड़ी की वैल्यू महज 30 हजार रुपए थी। अब गाड़ी चलने लायक हो गई है। दुर्ग मेयर धीरज बाकलीवाल और आयुक्त हरेश मंडावी ने गैरेज प्रभारी व उनकी टीम की तारीफ की है। उन्होंने पीठ थपथपाई है।

कंडम स्तिथि में वजनी कीमत लगभग 30 हज़ार थी। गैरेज प्रभारी शोएब अहमद ने कबाड़ मार्शल को अपनी मेहनत से आयुक्त के आदेश के बाद संधारण कर नया जैसा बनवा दिया।

उसको इस कार्य के लिए उपयोगी बनाया उसकी कीमत आज 3 लाख से अधिक कीमत हो गई है। मेयर बाकलीवाल ने मार्शल को नया स्वरूप के साथ पूजा अर्चना कर कार्य के लिए शुभारंभ कर कार्य के लिए रवाना किया। इस कंडम मार्शल को उपयोग किए गए मार्शल वाहन को नया रूप देते हुए नया तर्ज पर तैयार किया है।

यह विशेषता है कि इसे बनाने के लिए कबाड़ की सामग्री जैसे पुराना व इत्यादि का उपयोग किया गया। महापौर धीरज बाकलीवाल एवं आयुक्त हरेश मंडावी ने इस कार्य के लिए गैरेज प्रभारी व विभाग के टीम की बड़ी प्रशंसा की।

उन्होंने ये भी कहा कि कर्म शाला में कितनी भी कंडम गाड़ी पड़ी हुई है उस गाड़ी को उपयोग हेतु तैयार करें। सहायक अभियंता व नोडल अधिकारी आर.के जैन, नोडल अधिकारी प्रकाश चंद थावनी,लेखा अधिकारी राज कमल बोरकर, कर्मशाला अधीक्षण वीरेंद्र ठाकुर,उपअभियंता पंकज साहू, सूरज सारथी समेत अन्य मौजूद थे।