BJP ने साहू समाज के अरूण साव को बनाया प्रदेश अध्यक्ष: विष्णुदेव साय को हटाया…2023 से पहले भाजपा का बड़ा दांव, “भिलाई TIMES” ने आज सुबह ही बता दिया था…

भिलाई। छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन हो गया है। बिलासपुर सांसद अरूण साव को भाजपा ने नया प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। साहू समाज से आने वाले साव को अध्यक्ष बनाने के पीछे मिशन-2023 है। जिसकी चर्चा लंबे समय से चल रही थी। साव की वजह से भाजपा साहू समाज को साध लेगी। 2018 में साहू समाज कांग्रेस के साथ गया था। आपको बता दें आज सुबह ही प्रदेश अध्यक्ष बदलने की खबर भिलाई टाइम्स ने बता दिया था।

कौन हैं अरूण साव…?
– अरुण साव का जन्म 25 नवंबर 1968 को हुआ
– 54 साल की उम्र में भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष बनाया है।
– पार्टी ने ओबीसी चेहरे पर दांव लगाया है।
– अरुण साव एबीवीपी के प्रदेश मंत्री रह चुके हैं
– वह हाईकोर्ट में उप महाधिवक्ता भी रहे हैं।
– इसके अलावा भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रह चुके हैं

  • 8-9 महीने से चल रही थी चर्चा
    इस बात की चर्चा बीते 8-9 महीने से हो रही थी। नेतृत्व परिवर्तन कैसा, प्रदेश अध्यक्ष बदले जाएंगे या नेता प्रतिपक्ष…? इसका जवाब आज सुबह मिल गया। जब से राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई है। उसके बाद से कयास तेज हो गए थे।
  • 2023 से पहले प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को हटाकर पार्टी संदेश देना चाहती है।
  • बीते एक-दो दिन में इस आग में घी डालने का काम सोशल मीडिया पर चल रही बातों ने किया है।
  • ABP न्यूज के छत्तीसगढ़ हेड और खोजी पत्रकार के रूप में अपनी पहचान बना लेने वाले ज्ञानेंद्र तिवारी ने एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने संकेत दिया था।
  • पहले तो यह जान लीजिए कि आखिर ज्ञानेंद्र तिवारी ने ट्वीट में क्या लिखा था…
    पत्रकार ज्ञानेंद्र तिवारी ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि -“छत्तीसगढ़ में अगर बीजेपी ने नारायण चंदेल को अगला प्रदेश अध्यक्ष बनाया , तब क्या नेता प्रतिपक्ष बदला जाएगा ? क्योंकि तब प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष एक ही समाज के हो जाएँगे।
    अगर ऐसा हुआ तो क्या ब्रजमोहन अग्रवाल या उनके गुट का कोई नेता प्रतिपक्ष बनेगा”

प्रकाश शुक्ला ने क्या लिखा था…
“छत्तीसगढ़ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बदलने की सुगबुगाहट के बीच #जांजगीर_चांपा #विधायक @narayan_chandel का नाम उभर कर आया सामने। राजनैतिक गलियारों में चर्चा यह भी है कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष या प्रदेश अध्यक्ष…. में से किसी एक पद की जिम्मेदारी मिल सकती है।”

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