महाराष्ट्र के नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर उपजा विवाद हिंसक झड़पों और आगजनी में तब्दील हो गया। यह घटना महाल इलाके में हुई, जहां दो पक्षों के बीच तनाव बढ़ने के चलते पथराव, आगजनी और पुलिस पर हमले की घटनाएं सामने आईं। स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग किया। इस हिंसा में कुल 11 लोग घायल हुए, जिनमें कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
हालात की गंभीरता को देखते हुए नागपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जनता से शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। आइए, इस घटना और इससे जुड़े घटनाक्रम को विस्तार से समझते हैं।

हिंसा को बताया गया पूर्व नियोजित षड्यंत्र
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नागपुर की इस हिंसा को एक सोची-समझी साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि यह घटना पहले से ही योजनाबद्ध थी और इसमें शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सोमवार दोपहर औरंगजेब से जुड़े एक प्रदर्शन के बाद रात में पुलिसकर्मियों पर पथराव और हथियारों से हमले किए गए, जिससे कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए। शिंदे ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि कानून की रक्षा करने वाले पुलिसकर्मियों पर हमला किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
हिंदू संगठनों का विरोध प्रदर्शन
औरंगजेब की कब्र को लेकर हुए विवाद के चलते हिंदू संगठनों ने राज्यभर में विरोध प्रदर्शन किया। नागपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने औरंगजेब का पुतला जलाया, जिसमें कथित तौर पर आपत्तिजनक सामग्री का उपयोग किया गया। इसका वीडियो वायरल होने के बाद हालात और बिगड़ गए।
सोमवार रात करीब 8:30 बजे नागपुर के महाल इलाके में हिंसा भड़क उठी। उपद्रवियों ने घरों पर पथराव किया, सड़कों पर खड़े वाहनों में आग लगा दी और पुलिस पर भी हमला किया। DCP निकेतन कदम पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया, जिससे वे घायल हो गए। हालात काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और अब तक 55 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।
पुलिस की सख्त कार्रवाई और कर्फ्यू लागू
नागपुर पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंघल ने बताया कि शहर में BNS की धारा 163 (जो IPC की धारा 144 के समान है) लागू कर दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शांति बहाल करने के लिए पुलिस की 20 टीमें तैनात की गई हैं।
इस बीच, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने देर रात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के साथ बैठक की। इसके बाद बावनकुले नागपुर रवाना हुए। मुख्यमंत्री ने उन्हें इस घटना की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।
चंद्रशेखर बावनकुले नागपुर के संरक्षक मंत्री हैं, जबकि मुख्यमंत्री फडणवीस नागपुर दक्षिण-पश्चिम सीट से विधायक हैं। इसी बीच, छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र पर सुरक्षा को और कड़ा कर दिया गया है। SP के अनुसार, जिले में SRPF की एक कंपनी और दो प्लाटून को तैनात किया गया है