भारतमाला परियोजना में घोटाला : तहसीलदार के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट, सभी फरार आरोपियों को कोर्ट में पेश होने का अंतिम मौका

रायपुर। विशाखापट्टनम-रायपुर भारतमाला परियोजना में सामने आए 43 करोड़ रुपए के घोटाले की जांच तेज़ हो गई है। मामले में तहसीलदार शशिकांत कुर्रे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया है।

रायपुर की स्पेशल कोर्ट ने घोटाले में शामिल सभी 6 राजस्व अधिकारियों के खिलाफ प्रोक्लेमेशन (उद्घोषणा) जारी करते हुए उन्हें 29 जुलाई तक अदालत में पेश होने का अंतिम मौका दिया है। अगर तय तारीख तक पेशी नहीं होती है तो कोर्ट ने चेतावनी दी है कि आरोपियों की गैरजमानती गिरफ्तारी व संपत्ति कुर्की जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इन अधिकारियों पर लगे हैं गंभीर आरोप:
निर्भय कुमार साहू – तत्कालीन एसडीएम

शशिकांत कुर्रे – तहसीलदार

लखेश्वर प्रसाद किरण – नायब तहसीलदार

जितेंद्र कुमार साहू, बसंती घृतलहरे, लेखराम देवांगन – पटवारी

क्या है भारतमाला घोटाला?
भारतमाला योजना के तहत विशाखापट्टनम से रायपुर के बीच 463 किमी फोरलेन सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है। जांच में खुलासा हुआ कि इस परियोजना में भू-अधिग्रहण के दौरान फर्जी दस्तावेजों और मुआवजे में धांधली के जरिये 43 करोड़ रुपए की हेराफेरी की गई है।

इस मामले की जांच कर रही ACB-EOW (भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराध संगठन) ने तहसीलदार शशिकांत कुर्रे समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और सरकारी धन के दुरुपयोग जैसे गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। एजेंसी द्वारा एक सप्ताह के भीतर चालान पेश करने की तैयारी की जा रही है।

29 जुलाई को कोर्ट पेश होने के निर्देश
कोर्ट ने कहा कि आरोपी जानबूझकर गिरफ्तारी से बच रहे हैं और फरार हैं। ऐसे में उन्हें अब अंतिम मौका दिया जा रहा है कि 29 जुलाई 2025 को अदालत में पेश होकर जवाब प्रस्तुत करें, अन्यथा गैरजमानती वारंट, संपत्ति कुर्की और फरार घोषित करने जैसी कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

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