भिलाई। भारतीय मजदूर संघ के निर्णय अनुसार आज “पुण्यश्लोक” अहिल्याबाई होलकर के जन्म दिवस को पूरे भारतवर्ष में भारतीय मजदूर संघ द्वारा महिला दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.
इसी कड़ी में भिलाई इस्पात मजदूर संघ बीएमएस कार्यालय सेक्टर 6 में महान परोपकारी कुशल प्रशासक, साहस और बुद्धिमत्ता की प्रतिक अहिल्याबाई होल्कर का जन्मदिन “महिला दिवस” मनाया गया, जिसमें भिलाई इस्पात मजदूर संघ के समस्त पदाधिकारीयों-कार्यकर्ताओं के साथ ही नगर निगम भिलाई से अध्यक्ष महंती निर्माणी के दुर्ग जिला अध्यक्ष देवेंद्र चंद्राकर सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारी यूनियन कार्यालय में उपस्थित थे.
सर्वप्रथम पुण्यस्लोक अहिल्याबाई होलकर के तैलचित्र पर माल्यार्पण के पश्चात संघ गीत से कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ, कार्यक्रम का संचालन करते हुए यूनियन के महामंत्री चन्ना केशवलू ने बताया कि यह बहुत ही सौभाग्य और गर्व की बात है कि आज देवी अहिल्याबाई होलकर के जन्मदिन को पूरा भारतवर्ष “महिला दिवस” के रूप में मना रहा है यह मातृशक्ति के प्रति हम सब के समर्पण,असीम श्रद्धा व मातृशक्ति नमो नमः भाव को दर्शाता है.
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री एवं यूनियन के अध्यक्ष दिनेश कुमार पांडेय ने कहा कि जब भी हम “मां” शब्द का उच्चारण करते हैं तो निश्चित रूप से वह शब्द ध्वनि के माध्यम से निकलता है लेकिन वह हृदय को स्पर्श करता हुआ मस्तिष्क को झकझोरता हुआ एक सर्वशक्तिमान संरक्षक का भाव मन में लाता हुआ उस शब्द का उच्चारण होता है, आज हम पूरे भारतवासियों के लिए गर्व का विषय है कि आज अहिल्याबाई के जन्म दिवस को हम सब महिला दिवस के रूप में मना रहे हैं महारानी अहिल्याबाई को “पुण्य श्लोक” की उपाधि से सम्मानित किया गया था जिसका अर्थ है धर्मि, उन्होंने अपने कार्यकाल में कई धार्मिक स्थलों मंदिरों घाटों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया विशेष कर काशी विश्वनाथ मंदिर और सोमनाथ मंदिर का पुनरुद्धार कर धर्म के प्रति अपने असीम श्रद्धा और राष्ट्र के प्रति अपने अनंत समर्पण को बताया कि निश्चित रूप से एक राजा की सीमाएं होती हैं लेकिन राष्ट्र सर्वोपरि के नाते वह अपने राज्य के सीमाओं से हटकर पूरे राष्ट्र का सेवा करती थी.
दिनेश पांडेय ने बताया कि अहिल्याबाई होलकर का जीवन सदा महिलाओं के सर्वांगीण उत्थान, उनके शिक्षा, उनके स्वास्थ्य, उनके आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में लगातार सफलता पूर्वक कार्य किया, अपने साहस और दृढ़ संकल्प के साथ आने वाले चुनौतियों का सामना कर उन्होंने राज्य में शांति और समृद्धि स्थापित करते हुए, सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्य किया तत्कालीन समय में लोग उन्हें देवी का अवतार भी मानते थे.
आज भारत की बेटियां चाहे शिक्षा के क्षेत्र में हो चाहे सेवा के क्षेत्र में हो अपना सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देश के विकास में राष्ट्र के निर्माण में अपना संपूर्ण योगदान कर रहे हैं जिसकी बुनियाद महारानी अहिल्याबाई होलकर के समय से ही पड़ गई थी इस अवसर पर दिनेश कुमार पांडे ने अपने बात को आगे बढ़ते हुए कहा कि आज के समय में अहिल्याबाई होलकर के जीवन जो सदा संघर्षों से भरा रहा लेकिन निरंतर वह अपने राज्य के प्रजा के लिए विपरीत परिस्थितियों होने के बावजूद भी आत्म प्रतिष्ठा के झूठे मोह का त्याग कर सदा न्याय करने का प्रयत्न करते हुए अपना जीवन प्रजा को अपना परिवार, अपनी संतान अपना सब कुछ मानते हुए उन्होंने धर्मपूर्वक जीवन व्यतीत किया.
अपने जीवन काल में उन्होंने अपने राज्य की सीमाओं से बाहर जाकर घाट बनवाए, कुआं और बावड़ियों का निर्माण करवाया, मार्ग बनवाए, कोई भूखा ना रहे इसलिए अनेक अन्य क्षेत्र खोलें प्यासों के लिए प्याऊ बनवाए, मंदिरों में विद्वानों की नियुक्ति शास्त्रों के मनन चिंतन और प्रवचन हेतु की, आज हम सबको उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए उनका अनुसरण करना चाहिए जिससे सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे संतु निरामया की भावना निरंतर प्रबल होती रहे.
आज के संगोष्ठि कार्यक्रम में संघ के उपाध्यक्ष आई पी मिश्रा, जगजीत सिंह, सुधीर गडेवाल,विनोद उपाध्याय,शारदा गुप्ता,संयुक्त महामंत्री वशिष्ठ वर्मा,प्रदीप पाल, जोगिंदर कुमार,भूपेन्द्र बंजारे,गौरव कुमार, सचिव ए वेंकट रमैया,पूरन लाल साहू,अखिलेश उपाध्याय, संजय कुमार साकुरे,नागराजू,सुबोधित सरदार,दीनानाथ जैसवार कोषाध्यक्ष रवि चौधरी,अनिल शुक्ला,जगन्नाथ नाले,बिबाष सिन्हा,राजेश बघेल,विवेक सिंह,जनकराम ध्रुव,रजनीश सिंह, मनीष गुप्ता,राहुल राज,प्रशांत क्षीर सागर,अनिल बिसेन,सुबोध देशपांडे सहित अन्य लोग शामिल थे ।