न्यायधानी में इस न्याय की देशभर में चर्चा: बिलासपुर पुलिस ने सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर फ्रॉड करने वाले और पैसे देकर नौकरी खरीदने वाले 3 आरोपियों को किया अरेस्ट; पढ़िए

बिलासपुर। बिलासपुर पुलिस ने नौकरी लगाने के नाम पर फ्रॉड करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही पुलिस ने पहली बार नौकरी के लिए रिश्वत देने वाले को भी अरेस्ट कर सलांखों के पीछे भेजा है। मिली जानकारी के अनुसार, आरोपियों ने खाद्य निरीक्षक, हॉस्टल अधीक्षक और पटवारी पदों के नाम पर नौकरी दिलाने का सुनियोजित षड्यंत्र रचा था। SP रजनेश सिंह के निर्देश पर ये कार्रवाई हुई है। न्यायालय के आदेश पर पहली बार ‘घूस देकर नौकरी खरीदने वाले’ पर भी शिकंजा कसा गया है। बिलासपुर पुलिस की तखतपुर थाना द्वारा इसे ऐतिहासिक कार्रवाई माना जा रहा है।

“शॉर्टकट से सरकार नहीं बनती”-तखतपुर पुलिस की सर्जिकल स्ट्राइक ने आज इस कहावत को हकीकत में बदल दिया। सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर 43 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तखतपुर पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। हैरानी की बात यह है कि इस कार्रवाई में पैसे देकर नौकरी खरीदने वाले ‘शिकायतकर्ता’ को भी आरोपी बनाया गया-जो छत्तीसगढ़ में इस श्रेणी की पहली मिसाल मानी जा रही है।

अभियुक्तों के नाम व ठिकाने:
1. विष्णु प्रसाद राजपूत (67), निगारबंद, तखतपुर
2. सीमा सोनी (29), विनोबा नगर, सिविल लाइन, बिलासपुर
3. सूर्यकांत जायसवाल (55), नेचर सिटी, सकरी, बिलासपुर

विस्तार से जानिए मामला :-

शिकायतकर्ता सूर्यकांत जायसवाल ने अपने दो बेटों और एक बेटी को खाद्य निरीक्षक, हॉस्टल अधीक्षक और पटवारी जैसे पदों पर भर्ती कराने के लिए आरोपीगण- विष्णु राजपूत, सीमा सोनी और जावेद खान को 8 फरवरी 2022 से 5 जून 2023 के बीच 43 लाख रुपये किस्तों में दिए। उसने विहित प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए, बईमानी से नौकरी पाने का प्रयास किया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (IPS) के आदेश पर जब पूरे प्रकरण की जांच एसडीओपी कोटा भारती मरकाम के पर्यवेक्षण में की गई, तो सामने आया कि यह न सिर्फ सरकारी प्रक्रिया की अवहेलना थी, बल्कि परीक्षा में भाग लेने वाले योग्य प्रतियोगियों के साथ सीधा अन्याय था।

यह केस केवल आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि प्रशासनिक और नैतिक भ्रष्टाचार का जीवंत उदाहरण बनकर उभरा है। यह उन हज़ारों युवाओं के हक पर सीधा हमला है, जो मेहनत और योग्यता से सरकारी सेवाओं में स्थान पाने का सपना देखते हैं।

प्रकरण में आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 420 व 34 के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। एक अन्य आरोपी जावेद खान उर्फ राजा पहले से ही सिविल लाइन थाना के केस क्रमांक 355/25 में जेल में निरुद्ध है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के नेतृत्व में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा और एसडीओपी कोटा भारती मरकाम की देखरेख में तखतपुर थाना प्रभारी की टीम ने यह कार्रवाई कर पुलिस तंत्र की कार्यक्षमता का प्रमाण पेश किया है।

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