कोरबा। भाजपा से अकलतरा के विधायक सौरभ सिंह अपने एक लेटर से एक्सपोज हो गए हैं। लेटर डीएमएफ की राशि को लेकर की गई शिकायत पर है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि कोरबा जिले में डीएमएफ के नाम पर भ्रष्टाचार हुआ है। जबकि भाजपा के ही कद्दावर नेता व पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। वरिष्ठ आदिवासी नेता व पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने अपने ही पार्टी के विधायक के पत्र पर कटाक्ष करते हुए PM को पत्र लिखकर DMF में भ्रष्टाचार के आरोपो को निराधार बताते हुए पत्र को व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए दुर्भावनावश लिखे जाने की बात कही है।
औद्योगिक नगरी कोरबा जिला खनिज संसाधनो से भरा पड़ा है। ऐसे में केंद्र सरकार के निर्णय के बाद जिला खनिज न्यास मद से मिलने वाले अरबों रूपयें से आदिवासी बाहुल्य कोरबा जिला सहित आसपास के जिलों का सर्वांगीण विकास किया जा रहा है।
DMF से होने वाले विकास कार्यो पर गौर करे तो बीजेपी शासनकाल के साथ ही मौजूदा सरकार में भी शिक्षा, स्वास्थ, सड़क, साफ पेयजल की दिशा में लगातार काम कराये जा रहे है, लेकिन इन सारे विकास कार्यो पर जांजगीर जिला के अकलतरा विधायक सौरभ सिंह ने प्रश्न चिन्ह लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 26 फरवरी 2022 को पत्र लिखकर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया गया है।
इस पूरे प्रकरण में सबसे मजे की बात ये है कि नेताजी का पत्र PM के पास भले ही ना पहुंचा हो, लेकिन पीएम को लिखा पत्र मीडिया के जरिये जरूर वायरल करवा दिया गया।
खैर 26 फरवरी को लिखे इस पत्र के जवाब में बीजेपी के कददावर आदिवासी नेता और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने ठीक दूसरे दिन 27 फरवरी को प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर विधायक जी की शिकायत का खंडन कर दिया है।
पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने प्रधानमंत्री के नाम लिखे इस पत्र में 7 बिन्दुओं में अपनी बात रखते हुए अकलतरा विधायक सौरभ सिंह के सारे आरोपों को ना केवल निराधार बताया है, बल्कि उन्होने अपने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि यह पत्र दुर्भावनावश और व्यिक्तिगत लाभ के लिए प्रधानमंत्री के नाम लिखा गया है।
प्रधानमंत्री के नाम ननकीराम कंवर के इस पत्र को लिखे जाने के बाद एक बार फिर राजनीति गरमानी तय है, वही अपने क्षेत्र को छोड़ दूसरे जिलों पर सवाल उठाने वाले अकलतरा विधायक सौरभ सिंह अब खुद सवालों के घेरे में है।
हम आपको बता दे कि अकलतरा विधायक सौरभ सिंह वही विधायक है, जिन्होने कोरबा में एसईसीएल की मानिकपुर खदान में फर्जी पंजीयन नंबर पर बालको के लोडर संचालन और कोयला अफरा तफरी का सवाल विधानसभा में उठाया था, लेकिन प्रश्न उठाने के बाद उस भ्रष्टाचार के सवाल पर विधायक जी ने एकाएक चुप्पी साध ली थी, आखिर वो चुप्पी किसके कहने पर और क्यों साधी गयी, ये आज भी बड़ा सवाल है ?
मतलब साफ है माननीय को अपने क्षेत्र से ज्यादा दूसरे के क्षेत्रों में दखलनदाजी करने में दिलचस्पी है, जिसका नतीजा ये रहा कि अब उन्ही के पार्टी के सीनियर लीडर ने नेता जी के सवालों पर प्रश्न चिन्ह लगा दिये है। ऐसे में अब ये देखने वाली बात होगी कि इस पूरे मुददे को समय रहते पार्टी सुलझा लेगी या फिर अकलतरा के नेताजी पार्टी की और फजीहत करायेगें, ये तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।