BSP का इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट फुलफॉर्म में: टाउनशिप में कब्जेधारियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद अब खुर्सीपार में एंट्री…लगभग 18 करोड़ रुपए से ज्यादा महंगी वाली जमीन से हटाया कब्जा, एक के खिलाफ FIR भी

भिलाई। इन दिनों भिलाई स्टील प्लांट मैनेजमेंट का इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट फुलफॉर्म में है। यानि कि बिंदास, जहां-चाहे वहां कार्रवाई कर रहा है। करोड़ों रुपए की जमीन पर कब्जा करने वालों को खदेड़ा जा रहा है। आज की कार्रवाई कुछ यही है।
अवैध कब्जेधारिओ के विरुद्ध लगातार चलाये जा रहे अभियान के तहत भिलाई इस्पात संयंत्र के नगर सेवाये, प्रवर्तन अनुभाग द्वारा एक और बहुत बड़ी कार्यवाही की गई। खुर्सीपार के जोन-2 केराष्ट्रीय राजमार्ग जीई रोड में विगत 18 वर्षों से अवैध रूप से काबिज लोहा कारोबारी को बेदख़ल किया गया।

नगर सेवाये भिलाई इस्पात संयंत्र द्वारा संपदा न्यालय में पारित डिक्री सन 2004 के अनुपालन में प्रवर्तन अनुभाग तथा भूमि अनुभाग की टीम द्वारा खुर्सीपार जोन-2 स्तिथ जीई रोड में अवैध कब्जे की लगभग 9000 स्क्वायर फ़ीट को सील कर संपदा न्यालय को सौंपा गया।
इस बीएसपी भूमि की डिक्री 2004 में पारित हुआ था। लगभग 18 वर्षों पश्चात बीएसपी द्वारा भूमि को पुंन अपने कब्जे में ले लिया। भूमि की मार्केट वैल्यू लगभग अठारह करोड़ रुपए आंकी गयी है। प्रवर्तन विभाग द्वारा कुछ दिन पूर्व खुर्सीपार में ही 21000 स्क्वायर फ़ीट भूमि को पारित डिक्री के आधार पर सील किया गया था। प्रवर्तन अनुभाग द्वारा अवैध कब्जेधारियों के विरुद्ध अभियान जारी रहेगा। इस अभियान से भू माफियाओं, अवैध कब्जेधारिओ और दलालों में हड़कंप मच हुआ है। कब्जेधारियों और अवैध उगाही करने वाले दलालों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही तथा लगातार FIR की कार्यवाहियां जारी है।

35000 स्क्वेयरफीट पर था कब्जा
बीएसपी के प्रवर्तन विभाग की टीम ने कार्यपालक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में खुर्सीपार में कथित रूप से अवैध कब्जे की भूमि को सील कर दिया था। विभाग के अनुसार संपदा न्यायालय की डिक्री के आधार पर उसे सील किया गया था। उस सील को कब्जाधारी ने हाईकोर्ट से स्टे होना बताते हुए तोड़ दिया। इस पर बीएसपी की ओर से एफआईआर कराया गया है। अब देखना यह है कि इस मामले में चूक किस पक्ष ने की है। ज्ञात हो कि बीएसपी के प्रवर्तन विभाग की टीम ने 19 अप्रैल को खुर्सीपार जोन 2 स्थित 35000 वर्गफीट में आईए दास द्वारा अनधिकृत कब्जा किया जाना बताकर उनकी फैक्ट्री को सील कर दिया था। लेकिन कार्रवाई के बाद आईए दास ने हाईकोर्ट से स्टे मिलना बताकर बीएसपी द्वारा की गई कार्रवाई को चुनौती देते हुए सील को तुड़वा दिया। इसकी जानकारी मिलने पर बीएसपी की ओर से खुर्सीपार थाने में एफआईआर कराया है।

खुर्सीपार टीआई दुर्गेश शर्मा ने बताया कि बीएसपी के संपदा न्यायालय के प्रतिवेदन के आधार पर प्रार्थी के के यादव की रिपोर्ट पर आरोपी आईए दास के खिलाफ पीपीएक्ट की धारा 11 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। इधर इस मामले में यह सवाल उठ रहे हैं कि यदि कथित कब्जाधारी के पास हाईकोर्ट से मिला स्टे था तो उन्होंने सील करने की कार्रवाई के दौरान प्रवर्तन विभाग को उसे दिखाया में ही स्पष्ट हो सकेगा? और यदि स्टे मिला हुआ है तो क्या बीएसपी ने कार्रवाई करने में चूक कर कोर्ट की अवमानना की है? अब बीएसपी द्वारा सील तोड़ने पर एफआईआर कराने के बाद यह मामला दिलचस्प हो गया है।

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