केंद्र सरकार ने पेट्रोल, डीजल और ATF के एक्सपोर्ट पर बढ़ाया टैक्स… रिलायंस का शेयर 8.5% से ज्यादा टूटा… जानिए घरेलू बाजार पर कितना पड़ेगा असर

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पेट्रोल, डीजल (Petrol Diesel) और एटीएफ के निर्यात पर टैक्स बढ़ा दिया है. घरेलू बाजार में इन उत्पादों की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से सरकार ने ये फैसला किया है. सरकार ने घरेलू रिफाइनरी कंपनियों पर विंडफॉल टैक्स (Windfall Tax) लगाने की घोषणा की है.

सरकार ने कच्चे तेल के घरेलू उत्पादन पर 23250 रुपए प्रति टन अतिरिक्त एक्साइज ड्यूटी लगाई गई. सरकार की इस घोषणा के बाद देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) को बड़ा झटका लगा है. कंपनी का शेयर 8.5 फीसदी से ज्यादा गिर गया है. बता दें कि सरकार के इस फैसले से घरेलू बाजार में बेचे जारी पेट्रोल, डीजल और एटीएफ की कीमतों पर कोई असर नहीं होगा.

सरकार ने एटीएफ और पेट्रोल निर्यात पर 6 रुपए प्रति लीटर टैक्स लगाया है. उसने डीजल निर्यात पर 13 रुपए प्रति लीटर टैक्स लगाया है. हालांकि, निर्यात-केंद्रित रिफाइनरियों को घरेलू बिक्री के संबंध में इस नवीनतम अधिसूचना से छूट दी गई है.

निर्यातक पहले अपने डीजल उत्पादन का 30 फीसदी स्थानीय स्तर पर बेचें.सरकार ने केवल आंशिक विंडफॉल गेन पर टैक्स लगाया है जो रिफाइनर बना रहे थे. सरकार ने रिफाइनरों के लिए भी कुछ लाभ नहीं छोड़ा है.

रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर धड़ाम
विंडफॉल टैक्स की घोषणा के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. कारोबार के दौरान बीएसई पर शेयर 8.65 फीसदी गिरकर 2369.45 रुपए के भाव पर आ गया. गुरुवार को शेयर 2594.05 रुपए पर बंद हुआ था.

शेयर में गिरावट से इसके निवेशकों को तगड़ा झटका लगा. सरकार के फैसले के बाद निवेशकों की दौलत 1.50 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा घट गई. रिलायंस के अलावा ONGC के शेयरों में भी गिरावट देखने को मिली. ओएनजीसी का शेयर 8.58 फीसदी गिरकर 138.45 रुपए के स्तर पर आ गया.

एक्सपोर्ट पर टैक्स का असर ऑयल रिफाइनर विशेष रूप से प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों पर पड़ेगा जो यूरोप और अमेरिका जैसे बाजारों में तेल के निर्यात से भारी लाभ कमाते हैं. घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर टैक्स स्थानीय उत्पादकों द्वारा अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में उछाल से अप्रत्याशित लाभ प्राप्त करने के बाद लगाया जाता है.

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