CEO का बड़ा एक्शन

कोरबा। जिले में पदस्थ ऐसे ग्राम पंचायत सचिव जिनका विभागीय जांच लंबित था, उनमें से 52 प्रकरण की विभागीय जांच की कार्यवाही पूर्ण करते हुए संबित मिश्रा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत कोरबा के द्वारा जांच समाप्त की गई है। जिला पंचायत से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि उक्त 52 कर्मचारियों में से 4 ग्राम पंचायत सचिवों की सेवा समाप्ति की गई है। 2 ग्राम पंचायत सचिवों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है तथा 1 कर्मचारी के द्वारा त्यागपत्र दिया गया है। उक्त कार्यवाही 6 माह के भीतर की गई है।
गौरतलब है कि खनिज प्रधान जिला होने के कारण कोरबा जिले में डीएमएफ मद से पंचायतों में भी बड़े पैमाने पर विकास कार्य कराये जाते है। लेकिन जिला खनिज न्यास मद के साथ ही केंद्र सरकार से मिलने वाले फंड पर कोरबा में पंचायत सचिवों ने भ्रष्टाचार की सेंध लगा दी थी। मामले की शिकायत के बाद जिला पंचायत सीईओं के समक्ष अलग-अलग 52 प्रकरण प्रस्तुत किये गये थे। इन 52 प्रकरणों की जांच रिपोर्ट पूरी होने के बाद जिला पंचायत सीईओं संबित मिश्रा ने पंचायत के कामों में जमकर धांधली और मनमानी करने वाले पंचायत सचिवों पर बर्खास्तगी के साथ ही रिकव्हरी की गाज गिरायी है।
जिला पंचायत सीईओं ने सचिव प्रवीण कुमार यादव,कृपाल सिंह, ईश्वर धीरहे और भागवत सिंह पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हे बर्खास्त कर सेवा समाप्त कर दी है। वहीं पंचायत सचिव उदय सिंह आयाम और जान सिंह राज पर एक्शन लेते हुए उन्हे अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिया गया, जबकि सुधाकर सिंह ने सीईओं के समक्ष अपना त्यागपत्र दे दिया गया। इसी तरह डीएमएफ मद और 14वें वित्त की राशि में लाखों रूपये की गड़बड़ी करने वाले 7 पंचायत सचिवों से 56 लाख 99 हजार 596 रूपये उनके वेतन से वसूल करने के आदेश दिये है। जिला पंचायत सीईओं संबित मिश्रा के इस आदेश के बाद पंचायत सचिवों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।