बिलासपुर। (मप्र) दमोह में 7 लोगों की जान लेने वाला फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट अब बिलासपुर में पुलिस के शिकंजे में है। जिस डॉक्टर पर लोगों ने भरोसा किया, उसी ने उन्हें मौत की नींद सुला दी। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पं. राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की मौत भी इसी फर्जी डॉक्टर की वजह से हुई थी।

डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव, जो खुद को कार्डियोलॉजिस्ट बताता था, की डिग्री पूरी तरह फर्जी पाई गई। उसके खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस दमोह जेल से प्रोडक्शन वारंट पर बिलासपुर लाई है। इलाके में हड़कंप उस समय मचा, जब ये सामने आया कि आरोपी अपोलो जैसे नामी अस्पताल में भी पदस्थ था। इलाज के नाम पर कई मासूम जानें उसने छीनीं। फिलहाल पुलिस अपोलो में उसकी नियुक्ति और इलाज से जुड़े दस्तावेज खंगाल रही है।
घटना की जानकारी मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर नाराज़गी है। इलाके के लोगों ने प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस जांच में साफ हुआ कि न तो उसकी DM कार्डियोलॉजी की डिग्री असली थी, न ही छत्तीसगढ़ मेडिकल काउंसिल में कोई पंजीयन। यानी वो न एंजियोप्लास्टी कर सकता था, न इलाज का हकदार था।
पुलिस ने अपोलो अस्पताल प्रबंधन को भी जांच के दायरे में ले लिया है।
जल्द ही जिम्मेदारों की गिरफ्तारी तय मानी जा रही है। इस मामले में व्यापारी सुरेश डोडेजा ने भी शिकायत दी है। उनके पिता भगतराम डोडेजा की भी इसी फर्जी डॉक्टर की लापरवाही से मौत हुई थी।
उन्होंने दोषियों को फांसी तक की सजा देने की मांग की है।