रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी अस्पतालों में मीडिया कवरेज पर लगाए गए प्रतिबंधात्मक आदेश को राज्यभर में उठे विरोध के बाद आखिरकार चिकित्सा शिक्षा विभाग ने स्थगित कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी इस विवादास्पद आदेश को लेकर पत्रकार संगठनों ने तीव्र विरोध दर्ज कराया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी नाराजगी जताई थी।

उल्लेखनीय है कि, गोपनीयता का हवाला देते हुए अस्पताल के वार्डों सहित अन्य संवेदनशील इलाकों में मीडिया के प्रवेश पर पाबंदी लगाई गई है। अस्पताल से सबंधित जानकारी देने के लिए पीआरओ की जिम्मेदारी तय की गई है। ये आदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग से चार दिन पहले जारी किया। आदेश मंगलवार को वायरल होने के बाद बवाल मच गया है। इसे लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं भी बाहर आने लगी हैं। जारी आदेश में मीडिया को जानकारी देने जनसंपर्क अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है, जिस पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि जनसंपर्क अधिकारी कितना विषय विशेषज्ञ होगा। गोपनीयता के तहत मरीजों की जानकारी सार्वजनिक करने, वार्डों सहित अन्य इलाकों को संवेदनशील घोषित करने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रोटोकाल तय करने के निर्देश
कवरेज के लिए समय और प्रोटोकॉल तय करने अस्पताल प्रबंधन को निर्देशित किया गया है। साथ ही अस्पताल प्रबंधन और मीडिया के बीच संवाद के लिए सशक्त माध्यम बनाने पर जोर दिया गया है। किसी तरह की इमरजेंसी होने पर जानकारी मीडिया तक पहुंचाने प्रोटोकॉल बनाने कहा गया है। इसके अलावा अन्य तरह के बिंदुओं पर भी अस्पताल प्रबंधन को तैयारी करने कहा गया है।
