टिप्पणी: ये डॉक्टर साहब के लायक मुद्दा तो नहीं ही था…जिस महिला पर सख्त हुए CM भूपेश, उसके बारे में कितना जानते हैं आप…

प्रदेश में मुद्दे भावनात्मक तौर पर हावी हो रहे हैं। एक तरफ सत्ता संवेदनाओं के जरिए लोगों के दिलों तक पहुंचना चाहती है, तो दूसरी तरफ विपक्ष इसी संवेदना के सहारे अपनी राजनीतिक चाल चलना चाहता है। संवेदनशून्य राजनीति संवेदनाओं के सहारे आगे बढ़ती है, इस बात को कभी भूलना नहीं चाहिए। प्रदेश में सोमवार को एक ऐसा ही भावनात्मक ज्वार विपक्ष की तरफ से उड़ेला गया।
सोशल मीडिया पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने एक वीडियो शेयर किया। इसमें दिख रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक महिला से कह रहे हैं कि वो अपनी बात कहें, नेतागीरी नहीं करें। भारतीय जनता पार्टी के लगभग सभी कार्यकर्ताओं ने इस वीडियो को डा. रमन सिंह की वॉल से शेयर किया है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के व्यवहार पर प्रश्न चिन्ह लगाया है।

व्यवहार का संबंध प्रवृत्ति से हो सकता है, लेकिन चरित्र से नहीं। सॉफ्ट चेहरा पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह की पहचान थी, तो अग्रेशन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहचान है। अपने समय लोक सुराज अभियान के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह और विवेक ढांढ की टीम किस तरह गलियारों से गुजरती थी, कार्रवाई करती थी, सबको याद है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कुछ अलग परिपाटी शुरू की और वो भी जनता की चौपाल लगा रहे हैं, फौरन कार्रवाई कर रहे हैं। इसमें सिर्फ एक महिला के हवाले से की गई टिप्पणियों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के व्यवहार का आकलन कैसे किया जा सकता है?

कुछ एक जानकारी उस महिला के बारे में भी हासिल हुई है। उस महिला ने सूरजपुर जिले के भटगांव थाने में 17 फरवरी 2022 को एक लिखित आवेदन दिया था। इसमें कहा गया था कि उसके पति, सास और ससुर दहेज के मामले को लेकर उसे प्रताड़ित करते हैं। 498 ए, 506, 34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया। विवेचना के दौरान एक धारा 509 ख और जोड़ी गई। 20 मार्च 2022 को सास मंजु अग्रवाल, ससुर अजय अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया और पुलिस ने दिल्ली टीम भेजकर उसके पति आयुष अग्रवाल को गिरफ्तार किया। चालान कोर्ट में पेश कर दिया गया।

एक जानकारी और…इसी महिला ने अंबिकापुर में 31 अगस्त 2019 को एक रिपोर्ट लिखाई कि चंकी यादव नाम के शख्स ने उसके साथ दुष्कर्म किया। रिपोर्ट दर्ज हुई। 41/2019 धारा 376 के तहत अपराध पंजीबद्ध है। चालान 18 मार्च 2020 को पेश हो गया।

तीसरी जानकारी… इसी महिला ने 7 अक्टूबर 2015 को थाना सूरजपुर में मनीष सिंह नाम के आदमी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। इसके खिलाफ भी अपराध दर्ज हुआ। विवेचना के बाद चालान पेश हुआ और आरोपी दोषमुक्त हुआ।
इनके बारे में चौथी बात…इनके पूर्व पति विकास ने 34 साल की उम्र में 30 जुलाई 2018 को जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी और अंबिकापुर में उनकी मृत्यु हुई थी।

उस महिला के व्यवहार पर मुख्यमंत्री का व्यवहार तय किया जा रहा है तो अब उस महिला के बारे में उनके ससुर क्या कहते हैं, इसे भी एक बार समझना चाहिए। आगे की पंक्तियां सिर्फ वो, जो उनके ससुर अजय अग्रवाल ने फोन पर मुझे बताई, उन्हीं के शब्दों में:-

“ भाई साहब, उस महिला ने मेरे बेटे को मुझसे छीन लिया। उसके बारे में क्या बात करूं। अंबिकापुर में मैंने कोरोनाकाल में इतनी जनसेवा की, इतने मास्क बांटे कि यहां की मीडिया ने मुझे मास्क मैन नाम दिया। तकरीबन चार से पांच लाख रुपए के तो मैंने मास्क बांटे और वो महिला मुझ पर दहेज का आरोप लगाती है। सच बात तो ये है कि उस महिला ने मेरे बेटे को जान से मार डालने की कोशिशें की हैं। इससे पहले भी वो जिस व्यक्ति से साथ थी, उसकी संदेहास्पद मौत हो चुकी है। उस महिला ने मेरे बेटे को फंसाया और इंदौर ले गई, क्योंकि उसके विषय में मुझे संदेह था। मेरा बेटा घर छोड़कर इंदौर चला गया। इस बीच लॉकडाउन लग गया। जब मैं उससे इंदौर मिलने गया, तो उसकी हालत देखकर मुझे तरस आया। उसे शराब की लत लगा दी गई थी। उसके परिवार वालों ने तलवार लेकर मुझे दौड़ाया। बाद में वो लोग भटगांव शिफ्ट हुए। यहां से अपने बेटे को उसकी चंगुल से छुड़ाने के लिए मैंने एसडीएम के यहां आवेदन लगाया। एसडीएम के आदेश के बाद पुलिस भटगांव गई औऱ मेरे बेटे को उसके यहां से छुड़ाकर लाई।

मेरे बेटे ने कहा कि पिता जी, यहां हम लोगों का रहना मुश्किल है। हमें यहां से चले जाना चाहिए। मैंने लीगल प्रोसेस अपनाते हुए भटगांव की करंजी चौकी में बेटे को सुपूर्द किया। पता नहीं क्या हुआ, यहां से वो औरत मेरे बेटे को फिर ले गई। इसके बाद मैंने अपने बेटे से रिश्ता तोड़ लिया। अभी चार-पांच महीने पहले ये पता चला था कि उसने अपने जन्मदिन पर मेरे बेटे को शराब पिलाकर बहुत मारा, जिसके बाद वो भी वहां से भाग गया है। चूंकि मुझसे संबंध विच्छेद हो चुका है, तो मेरे पास नहीं आया। इसके बाद इस महिला ने खूब नाटक किया। उसने फेसबुक पर आत्महत्या कर लूंगी, जैसा वीडियो अपलोड किया। इसकी शिकायत मैंने एसपी, कलेक्टर, आईजी सभी आफिस में की। इस वीडियो को देखकर मेरे बेटे ने भी वीडियो शेयर किया और कहा कि मेरे परिवार को बचाइए।”

ये वर्णन एक महिला का चरित्र चित्रण करने के लिए नहीं लिखा जा रहा, बल्कि सिर्फ दर्शाने के लिए किया गया है कि जब विपक्ष एक सशक्त आवाज उठाता है, तो उसकी गूंज हर जगह सुनाई देती है, इसलिए उसे सशक्त मुद्दा ही उठाना चाहिए।
व्यवहार को लेकर उठाया गया ये मुद्दा एक दो दिन की सुर्खियां बटोर सकता है, जन का मन नहीं बदल सकता। सच बात तो ये है कि विपक्ष इस समय हर बड़े मुद्दे पर चुप है। सोशल मीडिया किसी चीज को ट्रेंड कर सकता है, पर जनमानस नहीं बदल सकता।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के स्थान पर यदि डा. साहब भी होते, तो कमोबेश उनका व्यवहार भी ऐसा ही होता। वे बेहद शांत और सरल मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद लोक सुराज अभियान के दौरान जब अधिकारियों पर गाज गिरती थी, तो वे भी नाराज दिखते थे। हां, उनका उस तरह की वीडियो कभी वायरल नहीं हुआ। एक परिपक्व मुख्यमंत्री एक सधे हुए मुख्यमंत्री पर जब आरोप लगाए, तो उस आरोप में गंभीरता और गहराई होनी चाहिए। ये पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह जैसे बड़े कद के नेता के लायक आरोप नहीं हैं। इसे कोई कार्यकर्ता वायरल करता तो भी बात समझ में आती। भारतीय जनता पार्टी से ये अपेक्षा है कि वो जनता की ऐसी आवाज बने, जिससे वो जननायक बन सके। उन्हें ये स्वीकार करना चाहिए कि इस समय के जननायक भूपेश बघेल हैं। अगले जननायक की यात्रा भाजपा के लिए बहुत आसान नहीं दिखती, इसलिए इस यात्रा का आधार बड़े नेता ऐसी छोटे-मोटे वीडियो को न बनाएं, इन्हें भाजपा के जमीनी कार्यकर्ताओं के लिए छोड़ दें…। हां, ये अपेक्षा जरूर हो सकती है कि प्रदेश के मुखिया नम्र होकर अधिकारियों को संदेश दें कि जनता से ऐसा ही व्यवहार किया जाए।

यशवंत
(वरिष्ठ पत्रकार यशवंत गोहिल के फेसबुक वाल से साभार)

Exit mobile version