कल्याण कॉलेज में खुल रही गड़बड़ी की परतें: चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के शासकीय अवकाश पर काटे जा रहे वेतन, शिकायत को श्रम विभाग ने लिया संज्ञान में, जानिए पूरा मामला

भिलाई। कल्याण पीजी कॉलेज पर फिर से गड़बड़ी करने का आरोप लगा है। यह आरोप नितेश गुप्ता ने लगाया है। उनका कहना है कि, पिछले दिनों मीडिया में कल्याण महाविद्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को कलेक्टर दर पर वेतन प्रदान करने की खबरें प्रकाशित हुई थी। लेकिन कल्याण महाविद्यालय में चल रहे अनियमितताओं का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इसी सिलसिले में कल्याण महाविद्यालय के चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों और वहां के पूर्व सहायक प्राध्यापकों ने श्रम आयुक्त को एक नई और अनोखी शिकायत की।
उन्होंने शिकायत में बताया कि कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय, शासन की तरफ से मिलने वाली छुट्टियों पर सभी कर्मचारियों का वेतन काट रहा है।

पूरा मामला इस प्रकार है
शिकायकर्ता ने अपने शिकायत में बताया है कि, श्रम आयुक्त कार्यालय से आदेश होने के बाद कल्याण महाविद्यालय में काम करने वाले सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को कलेक्टर दर पर निर्धारित न्यूनतम वेतन दर पर वेतन मिलना शुरू हो गया था, लेकिन कल्याण महाविद्यालय के प्रबंधन में उन कर्मचारियों के साथ दुर्भावनापूर्वक व्यवहार करते हुए दीपावली, घासीदास जयंती, क्रिसमस जैसे शासकीय अवकाश का भी वेतन काट दिया। जबकि इन त्योहारों पर किसी भी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी का वेतन नहीं काटा जा सकता। इस पर उन कर्मचारियों ने महाविद्यालय प्रबंधन से लिखित शिकायत की, लेकिन महाविद्यालय प्रबंधन ने उल्टे उन कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया और काम से निकालने की धमकी देकर बैरंग लौटा दिया। उसके बाद महाविद्यालय के पूर्व सहायक प्राध्यापक नितेश गुप्ता ने मोर्चा संभालते हुए श्रम आयुक्त कार्यालय दुर्ग में लिखित शिकायत की। साथ ही इस शिकायत की प्रतिलिपि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को भी भेजी। इस शिकायत में असिस्टेन्ट प्रोफेसर गुप्ता ने कल्याण महाविद्यालय प्रबंधन से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के काटे गए वेतन प्रदान करने के साथ 10 गुना हर्जाना देने की मांग की है। श्रम आयोग द्वारा समन जारी होने के बाद कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा, शिकायतकर्ता पर झूठी शिकायत करने का आरोप लगाया। किंतु श्रम विभाग ने शिकायतकर्ता की शिकायत पर महाविद्यालय प्रबंधन को मध्य प्रदेश श्रम विभाग के एक आदेश को दिखाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ शासन में छुट्टियां इसी आधार पर दी जाती हैं अर्थात किसी भी शासकीय अवकाश पर महाविद्यालय प्रबंधन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का वेतन नहीं काट सकता। साथ ही साथ श्रम कार्यालय दुर्ग के अधिकारी ने यह भी बताया के इन कर्मचरियों को शासकीय अवकाश के साथ-साथ 5 आकस्मिक अवकाश लेने की भी पात्रता है। श्रम विभाग के अधिकारी के जवाब से कुछ ऐसा प्रतीत होता है कि ‘गए थे रोजा छुड़ाने नमाज गले पड़ी’।