दुर्ग के भ्रष्ट अफसर को 7 साल की सजा और जुर्माना भी!…ACB ने रेड मारकर किया था आय से ज्यादा संपत्ति का खुलासा, कोर्ट ने सुनाया फैसला

भिलाई। जितनी सैलरी, उससे कहीं ज्यादा की संपत्ति…ये अक्सर आपने सुना होगा सरकारी कर्मियों के लिए। एंटी करप्शन ब्यूरो यानि कि ACB रेड मारकर ऐसे लोगों को पकड़ती है। उनकी संपत्तियों का खुलासा करती है। ऐसे ही एक मामले में एसीबी की कार्रवाई के बाद अब कोर्ट से उस अफसर को सजा हुई है। जिसके कब्जे से अनुपातहीन संपत्ति मिली थी।

हम बात कर रहे हैं दुर्ग के तत्कालीन सहायक खनिज अधिकारी गणेश प्रसाद कुम्हारे की। कुम्हारे को 7 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। आरोपित को 20 हजार रुपये अर्थदंड से भी दंडित किया गया है।

अब तक जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक प्रकरण आरोपित गणेश प्रसाद कुम्हारे तत्कालीन सहायक खनिज अधिकारी दुर्ग द्वारा अपने तथा अपने परिवार वालों के नाम पर अत्यधिक मात्रा में चल-अचल संपत्ति अर्जित किए जाने की गोपनीय सूचना एसीबी रायपुर को मिली थी।

सूचना पर प्रकरण दर्ज कर 11 अक्टूबर 2020 को एसीबी ने विशेष न्यायालय रायपुर से तलाशी वारंट प्राप्त किया। इसके बाद एसीबी की टीम ने आरोपित के विजय नगर स्थित नवनिर्मित मकान की तलाशी ली। इस दौरान नकद रकम,बैंक संबंधित दस्तावेज,बीमा पालिसी,अचल संपत्ति संबंधी दस्तावेजों को जब्त किया गया।

आय-व्यय का ब्यौरा तैयार किया गया था…
एसीबी ने रेड मारकर कार्रवाई की थी, तब खुलासा हुआ था कि, एक विवेचना के दौरान एक जनवरी 2004 से 12 अक्टूबर 2010 तक की अवधि का आय-व्यय का ब्यौरा तैयार किया गया। ब्यौरा के मुताबिक आरोपित द्वारा कुल दो करोड़ 20 लाख 51 हजार 378 रुपये के अनुपातहीन संपत्ति अर्जित किया जाना पाया गया। जो उसकी औसत सकल आय की तुलना में 408 प्रतिशत अधिक है।

विवेचना उपरांत आरोपित गणेश प्रसाद कुम्हारे सहायक खनिज अधिकारी दुर्ग के विरुद्ध धारा 13(1)(ई) एवं 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 का अपराध प्रमाणित होने पर प्रकरण विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम दुर्ग आदित्य जोशी के न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

विचारण उपरांत न्यायालय ने आरोपित गणेश प्रसाद कुम्हारे को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के अपराध के लिए सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं 20 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर आरोपित को छह माह अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी। न्यायालय में सुनवाई के दौरान शासन की ओर से प्रकरण की पैरवी विशेष लोक अभियोजक जाहिदा परवीन ने की।

Exit mobile version