दुर्ग में क्राइम ब्रांच के लिए लॉबिंग शुरू: कौन होंगे क्राइम ब्रांच प्रभारी?…PHQ से लेकर सत्ताधारी नेताओं तक लग रहा जैक, इनके नाम की चर्चा, कितना जानते हैं क्राइम ब्रांच का इतिहास, डिटेल में पढ़िए खबर

सीमांत कश्यप/आदित्य घोष@भिलाई। क्राइम ब्रांच…इसका जिक्र होते ही अपराधी कांप जाते हैं। अपराधी सहम जाते हैं। आम आदमी के दिलों में भरोसा जाग जाता है कि उनकी सुरक्षा पुख्ता होने वाली है। आज हम क्राइम ब्रांच की बात क्यों कर रहे हैं? इसका भी जवाब है। दुर्ग जिले में बहुत जल्द क्राइम ब्रांच का गठन होने वाला है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आई तो उन्होंने सारे जिलों से इसे भंग कर दिया था।

अब दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर में इसे दोबारा गठन करने जा रही है। प्रदेश की भूपेश सरकार ने पिछले दिनों इसकी मंजूरी दी। अब गठन के लिए प्रोसेस शुरू हो गया है। बहुत जल्द किसी भी वक्त एक ऑर्डर निकलेगा, जिसमें ये बताया जाएगा कि क्राइम ब्रांच में कौन-कौन होंगे? किस अफसर को कमान दी जाएगी और क्राइम ब्रांच का हिस्सा कौन-कौन होंगे?

इसके लिए तगड़ी लॉबिंग शुरू हो गई है। पुलिस प्रशासन से लेकर सत्ता के गलियारे में जैक लगने शुरू हो गए हैं। कोई प्रभारी बनना चाहता है तो कोई इस टीम का हिस्सा। अब देखने वाली बात ये है कि कब तक क्राइम ब्रांच की पूरी टीम बनकर तैयार हो जाती है। क्योंकि इसका हिस्सा होने के लिए थानेलेवल पर लंबे समय से बैठे वर्दीधारी जवान व अधिकारी इस सिविल टीम का हिस्सा बनने के लिए ख्वाब देख रहे हैं। सवाल तो यह है कि आखिर कब तक लिस्ट जारी होगी?

इस पर भिलाई TIMES की टीम ने जब तमाम बड़े अफसरों से बात की तो ये क्लियारिटी आई कि विधानसभा सत्र के बाद कुछेक जिलों में IPS अफसरों के फेरबदल होने हैं। पोस्टिंग निपटने के बाद ही क्राइम ब्रांच का गठन होगा। उससे पहले तक थानों में पोस्टेड पुलिस कर्मियों की परीक्षा होगी। तब तक अपने कामों को और निखार लेंगे। उनमें से सिविल टीम यानि क्राइम ब्रांच के लिए नाम फाइनल होंगे।

1994 में पहली बार स्व. RC पटेल ने किया था जिला स्क्वॉड का गठन
दुर्ग जिले में पहली बार 1994 मे तत्कालीन एएसपी रहे स्व. आरसी पटेल ने जिला स्कॉड के नाम से गठन किया गया। उसके बाद 1996 में एसपी रहे मुकेश गुप्ता ने क्राइम स्कॉड के नाम से बनाया।

उसके बाद 2003 में रहे रमेश चंद्र शर्मा ने शासन के आदेश के बाद क्राइम ब्रांच के नाम से गठन किया गया। जो अभी तक नाम चल रहा है। शुक्रवार को गृह विभाग के आदेश में तीन जिलों में एंटी क्राइम और सायबर यूनिट (एसीसीयू) की स्थापना करने कहा गया है। बिलासपुर, रायपुर और दुर्ग में गठन होना है।

दुर्ग जिले में कौन हो सकते हैं क्राइम ब्रांच के प्रभारी…
क्राइम ब्रांच की जिम्मेदारी किसे मिलेगी? इसके लिए लॉबिंग शुरू हो गई है। कुछेक नाम छनकर सामने आए हैं जिनके बारे में कहा जा रहा है कि इन्हें क्राइम ब्रांच की जिम्मेदारी दी जा सकती है। उन नामों में साइबर सेल प्रभारी गौरव तिवारी, नंदिनी थाना प्रभारी एसएन सिंह, दुर्ग कोतिवाली भूषण एक्का, सुपेला थाना प्रभारी सुरेश ध्रुव, भट्‌ठी थाना प्रभारी बृजेश कुशवाहा का नाम प्रमुख है। इसके अलावा लाइन में पोस्टेड कुछ ट्रिपल स्टार को भी क्राइम ब्रांच का प्रभारी बनाया जा सकता है। वहीं पूर्व में एक थानेदार ने क्राइम ब्रांच प्रभारी बनने से इनकार कर दिया है।

रिपोर्ट: क्राइम ब्रांच भंग होने से बढ़ गया अपराध का ग्रॉफ
दुर्ग VVIP जिला है। यहां अपराध का ग्रॉफ लगातार बढ़ रहा है। इसके पीछे मुख्य वजह यह बताई गई है कि क्राइम ब्रांच भंग होने के बाद से लगातार बढ़े हैं। उसी तेजी से पुलिस ने भी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल तक पहुंचाया है।

वर्ष 2017 में क्राइम ब्रांच चार डिवीजन दुर्ग, सेक्टर, सुपेला छावनी में काम किया जाता था लेकिन तीन वर्षो के अंतराल बाद अपराध करने का तरीका भी अपराधियों ने बदल दिया है। जनसंख्या भी बढ़ गए हैं। इसके मुताबिक 4 डिवीजन में काम होगा।

क्राइम ब्रांच की भूमिका पर बात: इनकी वर्किंग स्टाइल होती है एकदम अलग
क्राइम ब्रांच भंग होने के बाद जिले में अपराधों पर लगाम नहीं लग पाया है। चोरी, हत्या समेत कई वारदात बढ़े हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए क्राइम ब्रांच का होना अनिवार्य ही था। जिले में शिवांग चंद्राकर हत्याकांड, अमलेश्वर का खुड़मुड़ा, भिलाई तीन का मेहरुद्दीन हत्याकांड समेत कई बड़े वारदातों को सिविल टीम ने ही खुलासा किया है।

सिविल टीम में जितने भी जवान शामिल है सभी पुराने क्राइम ब्रांच टीम में बेहतर काम करने वाले ही है। इसके अलावा भिलाई-दुर्ग के थानों के सिविल टीम ने बड़े-बड़े ठगों को भी दिगर राज्यों से पकड़कर भिलाई लेकर आई है। इसलिए क्राइम ब्रांच का गठन जरुरी था।

इतिहास पर एक नजर: इन्होंने संभाली है क्राइम ब्रांच की अब तक कमान
2002 सब इंस्पेक्टर कविलश टंडन
2003 सब इंस्पेक्टर सुनील डेविड
2005 सब इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश तिवारी
2005 सब इंस्पेक्टर राजीव शर्मा
2006 इंस्पेक्टर राजीव शर्मा
2007 इंस्पेक्टर आरके जोशी
2008 इंस्पेक्टर सतेंद्र पाण्डेय
2009 इंस्पेक्टर सतेंद्र पाण्डेय
2010 इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश तिवारी
2011इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश तिवारी
2012 इंस्पेक्टर संजय सिंह
2013 इंस्पेक्टर विशाल सोन
2016 सब इंस्पेक्टर एस एन सिंह
2016-17 सब इंस्पेक्टर रोहित मालेकर
2018 इंस्पेक्टर केके वासनिक

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