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बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में धनोरा माता रुक्मिणी आश्रम में पनीर खाने की वजह से एक बच्ची की मौत हो गई और 34 बच्चियां बीमार हो गई हैं। वहीं 12 की गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। इस पूरे मामले में एक्शन लेते हुए माता रुक्मणि सेवा संस्थान ने अधीक्षिका को सस्पेंड कर दिया है। इधर इस घटना को लेकर सियासत गरमा गयी है। घटना की जांच के लिए कांग्रेस ने 7 सदस्यीय और जिला प्रशासन ने 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
जानकारी के मुताबिक ये घटना बीजापुर जिला के धनोरा के माता रुक्मणि आश्रम की है। बताया जा रहा है कि दो दिन पहले रविवार को आश्रम में बच्चों के लिए पनीर की सब्जी और पूड़ी बनाया गया था। जिसका सेवन करने के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी। उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद बच्चों को आनन फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान कक्षा तीसरी में पढ़ने वाली शालिनी तेलम की मौत हो गयी। वहीं 34 बच्चों को उपचार जारी है। बताया जा रहा है कि फ़ूड पॉइज़निंग से बीमार हुए बच्चों में 12 बच्चों की नाजुक हालत को देखते हुए उन्हे आईसीयू में रखा गया है। डाॅक्टरों की विशेष निगरानी में सभी बच्चों का उपचार जारी है। उधर आश्रम में फूड पॉइजनिंग की जानकारी मिलते ही जिले में सियासत गरमा गई है।
कांग्रेस ने इस घटना को लेकर भाजपा को घेरते हुए इसे भाजपा सरकार की लचर व्यवस्था बताया है। इस घटना के सामने आने के बाद पीसीसी चीफ दीपक बैज ने 7 सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में क्षेत्रीय विधायक विक्रम मंडावी संयोजक हैं। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियाम, नीना रावतीय, लालू राठौर, बोधी ताती, सोनू पोटम, रमेश यालम सदस्य हैं। ये टीम आश्रम में हुए घटना की जांच करेगी। जिसके बाद इसकी रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपी जाएगी। इधर मामले पर सियासत गरमाते देख जिला प्रशासन ने भी जांच कमेटी बनाई है। जिसमें बीजापुर एसडीएम जागेश्वर कौशल की अध्यक्षता में सीएमएचओ डॉक्टर बीआर पुजारी, आदिवासी सहा.आयुक्त आनंदजी सिंह, डीईओं लखन लाल धनेलिया और खाद्य अधिकारी टीम में शामिल हैं। ये अपनी जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेंगे।