एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत: दो बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी, मौके से सुसाइड नोट भी बरामद, युवक ने लिखा…

एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत: दो बच्चों को जहर देकर पति-पत्नी ने लगाई फांसी

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र में एक दंपत्ति ने अपने दो बेटों के साथ सुसाइड कर लिया है. पति-पत्नी के शव फांसी के फंदे पर लटके मिले, जबकि दो बच्चों को जहर देने की आशंका है. पुलिस को मौके से सुसाइड नोट भी मिला है. इसमें कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या करने की बात सामने आई है.

जानकारी के अनुसार भोपाल के राजीबड़ क्षेत्र की शिव विहार कालोनी में रहने वाले 38 वर्षीय भूपेन्द्र विश्वकर्मा, उनकी पत्नी रितु (35), बेटे ऋतुराज (3) और ऋषिराज (9) के शव घर मिले हैं. पति-पत्नी के शव फांसी के फंदे पर लटके मिले, जबकि बच्चों की मौत जहर देने से होने की आशंका है. भूपेन्द्र के बड़े भाई नरेन्द्र विश्वकर्मा के अनुसार भूपेन्द्र ने दोनों बच्चों और पत्नी के साथ देर रात सेल्फी कैप्चर की थी. कोल्ड ड्रिंक (माजा) में सल्फास लिमाकर दोनों बच्चों को पिता दी. इसके बाद भूपेन्द्र और उसकी पत्नी रितु बच्चों के पास ही बैठे रहे, जब उन्हें दोनों बच्चों की मौत होने की पुष्टी हुई तो भूपेन्द्र व उसकी पत्नी ने फांसी के फंदे पर लटककर जान दे दी. नरेन्द्र विश्वकर्मा के अनुसार भूपेन्द्र के घर से छह पैकेट सल्फास के मिले हैं. 

भूपेन्द्र विश्वकर्मा ने आज सुबह 4 बजे अपनी भतीजी रिंकी विश्वकर्मा को वाट्सअप पर सुसाइड नोट भेजा. पत्नी व दोनों बच्चों के साथ सेल्फी भी खींचकर भेजी और लिखा कि यह मेरी आखिरी फोटो है. आज के बाद हम कभी नहीं दिखेंगे. रिंकी मण्डीदीप स्थित एक धागा फैक्ट्री में काम करती है. रिंकी ने भाई भूपेन्द्र की यह पोस्ट सुबह 6 बजे देखी और परिजनों को सूचना दी. 

यह लिखा सुसाइड नोट में
भूपेन्द्र विश्वकर्मा के घर से पुलिस को जो सुसाइड नोट मिला है उसमें लिखा है कि समझ में नहीं आ रहा क्या करें क्यों न करें, नहीं पता हमारी इतनी सी छोटी सी प्यारी सी फेमिली को किसकी नजर लग गई है. हमारे परिवार के लोगों से हम सबसे हाथ जोडक़र माफी मांगना चाहते हैं. हमसे जुड़े सभी लोग मेरे कारण काफी ज्यादा परेशान हो गए. मेरी एक गलती की वजह से. हम अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी जी रहे थे, लेकिन अप्रैल के माह में मुझे मेरे फोन पर एक ऑनलाइन काम से वाट्सऐप पर मैसेज आया. फिर टेलीग्राम पर पुन: ऑफर आया. थोड़े से पैसे एक्स्ट्रा के चलते में और जरुरत के लिए एक्स्ट्रा वर्क करने के लिए एग्री हो गया. जिसके लिए ज्यादा समय भी नहीं देना था तो मैंने शुरु कर दिया. जिसमें मुझे शुरु में थोड़ा फायदा तो हुआ पर धीरे-धीरे एक दलदल में धसने लगा और थोड़ा सा भी समय मिलता तो मैं उस काम को करने लगा था, लेकन काम का लोड इतना ज्यादा हुआ कि मैं अपने काम के साथ इस काम में लगे पैसों का हिसाब नहीं बना पाया. इन पैसों का उपयोग भी घर पर नहीं कर पाया था. उसके पहले ही मुझ पर काम का दबाव ज्यादा आने लगा. जब मेरे पास पूरे पैसे खत्म हो गए तो कंपनी वालों ने लोन और अग्रीमेंट का कहने लगे. मैंने मना किया, क्योंकि मेरा सिबिल खराब था. 

भूपेन्द्र विश्वकर्मा ने लिखा है कि कंपनी वालों के कहने पर ट्राय किया तो तुरंत लोन मिलता चला गया जो कि कंपनी में पानी की तरह लगाता रहा. इस काम को शुरु करने के पहले मैंने वेबसाइट चेक करी थी जो कि ई-कॉमर्स बेस्ट कंपनी है. एस पर टीआरपी के लिए काम करवाती है. कंपनी की बेवसाइड जो कि 2022 आफ्टर कोविड स्टार्ट कर दिया था, जो कि कोलंबिया की थी, इसके चलते मैंने शुरू  कर परंतु पता नहीं था कि इस मोड़ पर आकर खड़े हो जाएंगे कि हमारे पास कोई रास्ता नजर नहीं आएगा.

भूपेन्द्र विश्वकर्मा ने सुसाइड नोट में लिखा है कि ऑनलाइन जॉब का शिकार होने के बाद मुझे लगा अब थोड़ा सा और इसके बाद पैसे मिलते ही मैं सब का लोन क्लियर कर ये सब छोड़ दूंगा, लेकिन मैं समझ नहीं पाया कि इतना सब कुछ हो जाएगा. मुझ पर ऑनलाइन जॉब वालों ने लोन का कर्ज इतना कर दिया कि मैं खुद भी हैरान होता चला गया. मैं समझ गया कि मेरे साथ फ्रॉड हुआ है. इसकी समस्त जानकारी देने साइबर क्राइम ऑफिस गया, पर वहां पर अधिकारी न होने के कारण और अवकाश के चलते टल गया.

भूपेंद्र ने लिखा- आज नौकरी भी जाने की नौबत आ गई है. मुझे अपना भविष्य और मेरे परिवार का भविष्य नहीं दिखाई दे रहा. मैं अब किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं हूं. मैं अपने परिवार से कैसे नजर मिला पाऊंगा.  मैं बस यही कहता हूं कि अपनी अम्मा जी, बाबूजी, पापा जी, मम्मी जी, भईया-भाभी, मेरी प्यारी बहनों, मेरी प्यारी सी बेटी, मैं तुम सबके सामने कैसे आऊं, नजर कैसे मिलाऊं, सबसे ज्यादा अब इस बात का डर है.

भूपेन्द्र विश्वकर्मा ने लिखा- कहीं भविष्य में मेरी बेटी की शादी में कोई परेशानी न आए, इसलिए मैं और वाइड विद स्मॉल फैमिली, रिशु, किशु किसी को तकलीफ में नहीं छोड़ सकता. इसीलिए उन्हें भी अपने साथ ले जा रहा हूं. सबसे पुन: माफी मांगता हूं.

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