सभा के दौरान जोरदार बम धमाका, 44 लोगों की चली गई जान
क्राइम डेस्क। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में रविवार को जोरदार धमाका हुआ है. इस ब्लास्ट में 44 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 150 लोग घायल बताए जा रहे हैं, ये धमाका खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर जिले की खार तहसील में हुआ है. बताया जा रहा है कि धमाका उस वक्त हुआ जब जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल (JUI-F) का सम्मेलन हो रहा था. इस घटना के बाद मौके पर हड़कंप मच गया. लोग अपनी जान बचाने के लिए यहां-वहां भागने लगे. घायलों को आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया गया. अधिकारियों का कहना है कि इस धमाके में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है.
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक जमीयत उलेमा इस्लाम-फजल के एक प्रमुख नेता मौलाना जियाउल्लाह जान की भी बम धमाके में मौत हो गई है. अधिकारी ने बताया कि घायलों को पेशावर और टिमरगेरा के अस्पतालों में ले जाया जा रहा है.
जियो न्यूज ने पुलिस के हवाले से बताया कि लगभग 150 लोग घायल हो गए और उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. सुरक्षाकर्मियों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है. रेस्क्यू 1122 के प्रवक्ता बिलाल फैजी ने बताया कि 5 एंबुलेंस घटनास्थल पर पहुंच गई हैं.
घायलों को अस्पतालों में पहुंचाया गया
जेयूआई-एफ प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने पार्टी के मीडिया सेल की ओर से जारी एक बयान में घटना पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और स्थानीय सरकार से हमले की जांच की मांग की है. रहमान ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की. साथ ही जेयूआई-एफ कार्यकर्ताओं से तुरंत अस्पतालों में पहुंचने और रक्तदान करने की भी अपील की.
बम धमाके में 200 लोग घायल हो गए हैं (फोटो- AP)
जेयूआई-एफ ने बताया मानवता पर हमला
इससे पहले जेयूआई-एफ नेता हाफिज हमदुल्ला ने कहा कि उन्हें आज सम्मेलन में शामिल होना था, लेकिन कुछ व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के कारण वह नहीं आ सके. जेयूआई-एफ नेता ने जियो न्यूज से बात करते हुए कहा कि मैं विस्फोट की कड़ी निंदा करता हूं और इसके पीछे के लोगों को संदेश देना चाहता हूं कि यह जिहाद नहीं बल्कि आतंकवाद है. उन्होंने कहा कि आज की घटना मानवता और बाजौर पर हमला है.
सरकार से की ब्लास्ट की जांच की मांग
हमदुल्ला ने मांग की कि विस्फोट की जांच की जानी चाहिए. साथ ही कहा कि जेयूआई-एफ को इससे पहले भी निशाना बनाया गया है. हमारे कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है. हमने इस पर संसद में आवाज उठाई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और प्रांतीय सरकार से घायलों को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने का आग्रह किया.
जमात-ए-इस्लामी के नेता ने बताई आतंकवाद की वापसी
जमात-ए-इस्लामी के सीनेटर मुश्ताक अहमद ने भी विस्फोट की निंदा की और मौतों पर संवेदना व्यक्त की. उन्होंने ट्वीट किया कि केंद्र और प्रांतीय सरकारें, खुफिया एजेंसियां लोगों की सुरक्षा करने में पूरी तरह से विफल हैं. आतंकवाद की वापसी साबित करती है कि सरकार की सुरक्षा नीति फेल हो गई है. खैबर पख्तूनख्वा के आदिवासी जिले इस आग के बीच में हैं. उन्होंने कहा कि बढ़ते आतंकवाद का मुद्दे को लेकर संसद में एक सत्र बुलाया जाना चाहिए.
(कंटेंट सोर्स – आजतक)