भिलाई में पति-पत्नी की हत्या मामले में आया फैसला: इस बात को लेकर होता था विवाद… एक दिन तलवार से वार कर आरोपियों ने दोनों को उतारा मौत के घाट; जानिए दुर्ग कोर्ट का फैसला… फांसी या आजीवन कारावास?

दुर्ग-भिलाई। दुर्ग के भिलाई शहर में अगस्त 2020 को पति-पत्नी की बेरहमी से तलवार से वार कर हत्या की गई थी। इस अपराध में 3 लोगों की गिरफ़्तारी हुई थी। दुर्ग कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुना दिया है। आइये पहले जानते है क्या था मामला;

भिलाई के खुर्सीपार के एक दुकान में शराब बेचने की बात को लेकर विवाद शुरू हुआ था। जिसके बाद विवाद का अंत पति-पत्नी की हत्या के बाद हुआ। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार टामक की कोर्ट ने आरोपी आकाशदीप शर्मा उर्फ गुल्लू (23 वर्ष), जगतपाल शर्मा ( 48 वर्ष), आशा शर्मा पति जगतपाल शर्मा (44 वर्ष) सभी निवासी केएलसी क्वार्टर खुर्सीपार को धारा 302, 34 के तहत दो बार आजीवन कारावास, एक-एक हजार रुपये अर्थदंड तथा अर्थदंड न दे पाने पर तीन-तीन माह के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी आकाशदीप को धारा 324 के तहत 3 वर्ष के कठोर कारावास 1000 रुपए अर्थदंड तथा रकम न दे पाने पर 1 माह के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक छन्नूलाल साहू ने पैरवी की थी।

अपर लोक अभियोज ने बताया कि, के एल सी क्वाटर मछली मार्केट खुर्सीपार भिलाई निवासी राजेश अवस्थी की घर में ही छोटी सी दुकान थी जिसमें उसकी पत्नी माधवी अवस्थी भी बैठती थी। घटना से 2 महीने पूर्व शराब बिक्री करने के नाम पर माधवी अवस्थी को पुलिस ने पकड़ा था। इस बात को लेकर मोहल्ले में ही रहने वाले आरोपी आकाशदीप शर्मा, उसके पिता जगतपाल शर्मा तथा मां आशा शर्मा आए दिन माधवी एवं उसके पति को डराते धमकाते रहते थे “अपनी दुकान में शराब रखते हो, तुम लोगों को इस मोहल्ले में रहने नहीं देंगे”।

इसी बात को लेकर बीच-बीच में हमेशा आपसी विवाद होता रहता था 10 अगस्त 2020 की रात 8.30 बजे आकाशदीप शर्मा के पिता जगतपाल शर्मा ने मारपीट करते हुए राजेश अवस्थी को पकड़ लिया और आशा शर्मा ने माधवी उर्फ बुधिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया। इसके बाद वे लोग जोर जोर से मारो मारो करके चिल्ला रहे थे।

इसी दौरान आकाशदीप शर्मा अपने घर से तलवार निकाला और राजेश अवस्थी पर वार कर दिया। इससे राजेश अवस्थी तड़प कर जमीन पर गिर पड़े। इसके बाद आरोपियों ने माधवी पर तलवार से वार किया। इसी दौरान जब उसका 14 साल का पुत्र वहां पहुंचा तो आरोपी उसे भी खत्म करने के लिए तलवार लेकर दौड़ा दिए थे। किसी तरह वह बाल-बाल बचा। इसी दौरान वहां काफी लोग जमा हो गए और दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया था।

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