डिप्टी CM विजय शर्मा बस्तर दौरे पर: 5 जिलों का किया सघन दौरा, जमीनी हकीकत का लिया जायजा

रायपुर। उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने अपने 3 दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान 5 जिलों नारायणपुर, बीजापुर, बस्तर, दंतेवाड़ा और सुकमा का सड़क मार्ग से दौरा किया। उन्होंने हर जिले में अलग-अलग स्तरों पर आमजन, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, सुरक्षा बलों और विद्यार्थियों से प्रत्यक्ष संवाद करते हुए शासन की योजनाओं की प्रगति को देखा और ज़मीनी हकीकत जानी।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने अपनी यात्रा की शुरुआत अबूझमाड़ के अति संवेदनशील ग्राम इरकभट्टी से की, जहाँ उन्होंने सुरक्षा बलों के कैम्प में जवानों से मुलाकात की और उनके योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उन्हीं की दृढ़ता और निष्ठा से आज बस्तर में लोकतंत्र मजबूत हो रहा है। उन्होंने इरकभट्टी आश्रम का निरीक्षण किया और स्कूली बच्चों के साथ बैठकर भोजन किया। इसके पश्चात प्राथमिक शाला में पहुँचकर बच्चों से आत्मीय संवाद किया, उनका परिचय लिया और उन्हें मन लगाकर पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया। जनचौपाल में ग्रामीणों से संवाद करते हुए उन्होंने स्पष्ट कहा कि अबूझमाड़ जैसे क्षेत्रों में विकास की रफ्तार को रोकने वाली शक्तियाँ अब प्रभावहीन हो चुकी हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप सभी योजनाओं को गाँव-गाँव तक पहुँचाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने सीएससी सेंटर खोलने, राशन और महतारी वंदन योजना की राशि गाँव में ही मिलने की व्यवस्था और महिलाओं के लिए चावल की ब्रांडिंग की पहल की जानकारी दी। आत्मसमर्पित नक्सलियों से पुनर्वास केंद्र में चर्चा करते हुए उन्होंने शासन की योजनाओं का लाभ उन तक सुनिश्चित करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास, एक्सपोजर विजिट, देशभक्ति फिल्मों और नियमित आय के स्रोतों से जोड़ने की बात कही। इसके पश्चात जिले अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक लेकर शासन की योजनाओं की जानकारी मांगी।

अगले दिन बस्तर के जगदलपुर में जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियो के साथ चर्चा की उसके बाद बीजापुर जिले में उपमुख्यमंत्री ने शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में भाग लिया, जहाँ 14 बंद पड़े स्कूलों को पुनः प्रारंभ किया गया और दो नए स्कूलों का उद्घाटन किया गया। बच्चों को बैग, किताबें, गणवेश और प्रवेश प्रमाण-पत्र वितरित किए गए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शिक्षा की रोशनी गाँव-गाँव तक पहुँचे, यही सरकार का सपना है और उसे पूरा करने का संकल्प हम सबने लिया है।

भैरमगढ़ के फुंडरी गाँव में निर्माणाधीन उच्चस्तरीय पुल का निरीक्षण करते हुए उन्होंने कार्य की धीमी गति पर नाराजगी जताई और समयबद्धता व गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने सीआरपीएफ के जवानों से मिलकर उनके साहस और सेवाभाव की सराहना की, कहा कि उनका योगदान इस पूरे क्षेत्र को सुरक्षित और भयमुक्त बना रहा है।

दंतेवाड़ा जिले में पहुँचते ही उपमुख्यमंत्री ने बस्तर की आराध्य देवी माँ दंतेश्वरी के मंदिर में विधिवत पूजन किया और साष्टांग प्रणाम अर्पित करते हुए प्रदेश की सुख, समृद्धि और शांति की कामना की।

सुकमा में उपमुख्यमंत्री ने जिला मुख्यालय में आयोजित शाला प्रवेश उत्सव और चरण पादुका वितरण कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने स्कूली बच्चों को मुकुट पहनाकर उनका स्वागत किया और शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यदि गाँवों में शिक्षा होगी तो भय और लाल आतंक की कोई जगह नहीं रहेगी। उन्होंने बताया कि जिले में 1000 से अधिक स्कूल संचालित हो रहे हैं, जो इस अंचल के लिए एक उपलब्धि है। उन्होंने तेंदूपत्ता संग्राहकों को चरण पादुका वितरित की और बच्चों को प्रेरणास्पद संदेश देते हुए कहा कि ये आयोजन केवल प्रतीकात्मक नहीं हैं, बल्कि नए युग के आरंभ का संकेत हैं। पुनर्वास केंद्र में आत्मसमर्पित नक्सलियों से भेंट करते हुए उन्होंने कौशल विकास, आधार कार्ड, आयुष्मान योजना, बैंक खाता जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही युवाओं के लिए शिक्षा, खेल, एक्सपोजर विजिट और नियमित आमदनी के लिए विशेष योजनाएं प्रारंभ करने की बात कही। कलेक्ट्रेट कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना के अंतर्गत सुकमा, छिंदगढ़ और कोंटा विकासखंडों के 24 ग्रामों में सड़कों, सामुदायिक भवनों और शेड निर्माण हेतु ₹1.51 करोड़ की स्वीकृति दी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह केवल निर्माण नहीं, बल्कि सामाजिक विश्वास का निर्माण है और इस कार्य में जनता की सहभागिता अत्यंत आवश्यक है।

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