संभागायुक्त राठौर ने अपराधी को केन्द्रीय जेल दुर्ग में निरूद्ध करने दिये आदेश, जानिए क्या है पूरा मामला

दुर्ग। दुर्ग संभाग के आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने पुलिस अधीक्षक दुर्ग के प्रतिवेदन पर स्वापक, औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ, अवैध व्यापार, निवारण अधिनियम-1988 की धारा-3 सहपठित धारा-11 के तहत न्यायालयीन आदेश पारित कर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त महेन्द्र टंडन पिता स्व. ईश्वर टंडन निवासी गोल्डन चौक धनोरा तहसील व जिला दुर्ग को छः माह के लिए केन्द्रीय जेल दुर्ग में निरूद्ध करने हेतु आदेशित किया है। आदेश पारित करने के पूर्व संभाग आयुक्त द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत जवाब/तर्क, न्याय दृष्टांतों एवं शपथपूर्वक कथन का अध्ययन तथा प्रकरण में प्रस्तुत ईश्तगासा मय दस्तावेजों का अवलोकन किया गया। तथ्य के अनुसार महेन्द्र टंडन के विरूद्ध नारकोटिक्स एक्ट के कुल 02 मामले एवं आबकारी एक्ट के 01 मामले थाना पद्मनाभपुर में दर्ज कर कार्यवाही की गई। जिसमें प्रकरण क्रमांक 352/2023 माननीय विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट दुर्ग के द्वारा 18 जनवरी 2024 को निर्णय पारित कर अनावेदक को धारा-20 (ख) (ii) (क) के अधीन दोषी पाया गया तथा अभिरक्षा में व्यतीत अवधि एक माह 26 दिवस के सश्रम कारावास एवं दस हजार रूपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

इसी तरह अपराध क्रमांक 226/222 धारा-20 (ख) एनडीपीएस एक्ट का मामला वर्तमान में न्यायालय में तथा आबकारी एक्ट के प्रकरण में मामला सीजेएम न्यायालय में विचाराधीन है। अनावेदक जेल से छूट जाने के पश्चात् लगातार आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहा है तथा उसकी प्रवृत्ति में कोई सुधार प्रतीत नहीं होता है। वर्तमान में भी शराब व गांजा सहित अन्य मादक पदार्थ भी बेचने की शिकायत भी लगातार मिलती रही है। अनावेदक अवैध रूप से शराब व गांजा जैसे नशीली पदार्थों का अवैध व्यापार करने का आदी हो गया है। इनके आपराधिक गतिविधियों से समाज में रहने से विपरीत प्रभाव पढ़ने से संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, ऐसी स्थिति में प्रकरण में आये प्रतिवेदन, जवाब, साक्षियों के बयान एवं तर्क के आधार पर महेन्द्र टंडन को केन्द्रीय जेल दुर्ग में निरूद्ध किया जाना आवश्यक है।

ज्ञात हो कि पुलिस अधीक्षक दुर्ग के प्रतिवेदन के अनुसार अनावेदक के द्वारा आदतन अपराध घटित करने के कारण इस पर अंकुश लगाने प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है। इसके बाद भी इसकी आदतों में कोई सुधार परिलक्षित नहीं हुआ, बल्कि ये अपराधी बन गया है। इसके आंतक से आम जनता में भय व्याप्त हो गया है। लोग इसके विरूद्ध रिपोर्ट करने की साहस करना तो दूर इसकी उपस्थिति की सूचना देने तक के लिए घबराते हैं। अनावेदक के विरूद्ध पुलिस द्वारा आपराधिक एवं प्रतिबंधात्मक कार्यवाही कर पृथक-पृथक न्यायिक दण्डाधिकारी एवं कार्यपालिक दण्डाधिकारी के न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किये गये। इसके भय एवं आंतक के कारण कोई भी जनसाधारण न्यायालय में गवाही देने से बचता है। यहीं कारण है कि अपराध करने के बाद भी कुछ दिन जेल में रहकर छूट जाता है और पुनः आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हो जाता है।

संभाग आयुक्त राठौर ने प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए 17 जनवरी 2025 को न्यायालयीन आदेश पारित कर आपराधिक प्रवृत्ति में संलिप्त महेन्द्र टंडन को केन्द्रीय जेल दुर्ग में छः माह के लिए निरूद्ध करने के आदेश दिये हैं।

खबरें और भी हैं...
संबंधित

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : पहले चरण में BJP...

रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण में BJP ने शानदार प्रदर्शन किया है। कई जिलों में भाजपा समर्थित उम्मीदवारों ने...

चुनाव ड्यूटी में बरती लापरवाही… 3 प्रधान पाठक और...

दुर्ग। दुर्ग कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ऋचा प्रकाश चौधरी ने निर्वाचन कार्य मे कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही बरतने व लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951...

भिलाई नगर निगम की महापौर परिषद बैठक में कई...

भिलाई। नगर पालिक निगम भिलाई में महापौर परिषद की बैठक महापौर नीरज पाल एवं उपायुक्त नरेन्द्र कुमार बंजारे की उपस्थिति में संपन्न हुई। बैठक...

छत्तीसगढ़ गवर्नमेंट और CEGIS और TRI के बीच MoU:...

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन ने सीईजीआईएस और टीआरआई के साथ एमओयू किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में सुशासन एवं अभिसरण विभाग ने...

ट्रेंडिंग