वाटर मैन और रेमन मैगसेसे अवार्डी डा. राजेन्द्र सिंह का सान्निध्य लाभ भिलाई के डा.शर्मा को मिला; 10 पुस्तकों का कर चुके है लेखन… थाईलैंड और कुवैत से आमंत्रण प्रवास प्रस्तावों को भी किया रिजेक्ट; जानिए इनके बारे में…

भिलाई। भिलाई ने देश को कई बड़े-बड़े टैलेंट गिफ्ट किए है। जिन्होंने ने राष्ट्रिय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बनाया है। ऐसा ही एक खास सम्मान हमारे भिलाई के डा.शर्मा ने भी हासिल किया है। कृषिप्रधान भारतीयता से ऋषिप्रधान भारतीयता अभिन्न है, दौनों एक दूसरे की सहायक और प्रेरक हैं। कल्चर एग्रीकल्चर से जुड़ी है। दौनों घुटन और अवसाद से बचाकर सृजनशीलता से जोड़ती हैं।

आचार्य डा.शर्मा को भी इसका लाभ मिला है। उन्होंने कुल दस पुस्तक लिखी है। जिसमें से 3 पुस्तकों का लेखन-प्रकाशन कोरोना काल में हुआ। देश-प्रदेश के अनेक विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों से वे आनलाइन-आफलाइन माध्यम से जुड़े हैं। वाटर मैन और रेमन मैगसेसे अवार्डी डा. राजेन्द्र सिंह से हल ही में इन्होने मुलाकात किया था। डॉक्टर शर्मा ने बताया की डॉक्टर राजेंद्र सिंह के सान्निध्य लाभ मुझे प्राप्त हुआ है।

डा.शर्मा अभी विद्यार्थियों के लिये प्लेसमेंट सेल, उड़ान आदि रोज़गारोन्मुख कार्यक्रम और फाइल तैयार करते हैं। अनेक कालेजों से उन्हें आज भी बुलाया जाता है। पहले से ही राज्य अलंकरण आदि से सम्मानित डा. शर्मा को छत्तीसगढ़ी स्वाभिमान संस्थान, रायपुर एवं दाऊ उदयप्रसाद ‘उदय’ साहित्यशोध संस्थान, दुर्ग आदि ने उनके भिलाई स्थित आवास में आकर उन्हें सम्मानित किया है।

इस प्रकार देश-प्रदेश की उच्चशिक्षा, साहित्य,संस्कृति, पर्यावरण और रोज़गारोन्मुख मार्गदर्शन में व्यस्त आचार्य डा.शर्मा ने थाईलैंड और कुवैत से प्राप्त आमंत्रण प्रवास प्रस्तावों के प्रति भी असर्मथता व्यक्त कर दीं हैं।

Exit mobile version