राष्ट्रपति के लिए छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके के नाम पर भी हुई चर्चा…20 नामों पर मंथन के बाद NDA ने तय किया द्रौपदी मुर्मु का नाम …जन्मदिन के अगले दिन बन गईं प्रत्याशी

नई दिल्ली। देश के अगले राष्ट्रपति पद के लिए NDA ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नाम पर मुहर लगा दी है। मंगलवार शाम को भाजपा संसदीय बोर्ड की मीटिंग के बाद उनके नाम पर सहमति बनी। इस मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के तमाम बड़े नेता मौजूद थे। मुर्मु अपना नामांकन 25 जून को दाखिल कर सकती हैं।

मीडिया में पहले ही खबरें आ गई थीं कि इस बार महिला व आदिवासी चेहरे को राष्ट्रपति के लिए एनडीए आगे कर सकती है। संभावित दावेदारों में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके भी शामिल थीं। उनके नामों पर चर्चा करने के बाद एनडीए ने नाम का ऐलान किया है। वहीं यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के नाम पर भी चर्चा हुई।

मीटिंग के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि मीटिंग में 20 नामों पर चर्चा की गई। मीटिंग में तय किया गया था कि इस बार राष्ट्रपति कैंडिडेट के लिए पूर्वी भारत से किसी दलित महिला को चुना जाना चाहिए। इसके बाद मुर्मू के नाम को मंजूरी दी गई। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें बधाई देते कहा- मुझे विश्वास है कि वे एक महान राष्ट्रपति बनेंगी। खास बात यह है कि द्रौपदी मुर्मू ने 20 जून को ही अपना जन्मदिन मनाया था, इसके अगले दिन ही राष्ट्रपति कैंडिडेट घोषित कर दिया गया।

सबसे पहले बताया था कि बीजेपी में तीन महिलाओं के नाम पर विचार किया जा रहा था, जिसमें द्रौपदी मुर्मू, छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके और यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के नाम शामिल थे।

झारखंड की नौंवी राज्यपाल रहीं 64 साल की द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज की रहने वाली हैं। वे ओडिशा के ही रायरंगपुर से विधायक रह चुकी हैं। वह पहली उड़िया नेता हैं जिन्हें राज्यपाल बनाया गया। इससे पहले भाजपा-बीजद गठबंधन सरकार में साल 2002 से 2004 तक वह मंत्री भी रहीं। मुर्मू झारखंड की पहली आदिवासी महिला राज्यपाल भी रही हैं।

इधर, विपक्ष ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय किया है। इसके बाद सिन्हा ने तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने इस बात के संकेत दिए थे कि वे राष्ट्रपति चुनाव की रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं।

नई दिल्ली में विपक्ष की बैठक में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हम 27 जून को सुबह 11.30 बजे राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने जा रहे।

सिन्हा ने पोस्ट में कहा, ‘ममता जी ने TMC में मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाई, उसके लिए मैं उनका आभारी हूं। अब समय आ गया है कि मैं एक बड़े उद्देश्य के लिए पार्टी से अलग हो जाऊं ताकि विपक्ष को एकजुट करने के लिए काम कर सकूं। मुझे उम्मीद है कि ममता जी मेरे इस कदम को स्वीकार करेंगी।’

बड़े नेताओं ने राष्ट्रपति चुनाव से नाम वापस लिया
अब तक कई बड़े नेता राष्ट्रपति चुनाव की रेस से पीछे हट चुके हैं। पश्चिम बंगाल के पूर्व गवर्नर गोपालकृष्ण गांधी ने सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव से अपना नाम वापस लिया था।

उनसे पहले नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अबदुल्ला ने भी विपक्ष का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने से इनकार कर दिया था।

देश में अब तक किस वर्ग से कितने राष्ट्रपति बने
जीतने पर द्रौपदी मुर्मु देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। उनसे पहले दलित वर्ग से आने वाले केआर नारायणन और मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस पर पहुंचे हैं, लेकिन पहली बार आदिवासी समुदाय से किसी को राष्ट्रपति बनने का मौका मिल रहा है।

वहीं, प्रतिभा पाटिल के बाद दूसरी बार कोई महिला इस पद पर पहुंचेगी।

15 जून को नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 जून है। अगर चुनाव कराने की जरूरत पड़ती है, तो यह 18 जुलाई को कराए जाएंगे और 21 जुलाई को ही नतीजे आ जाएंगे।

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