दुर्ग। वन विभाग ने दुर्ग में प्रतिबंधित लकड़ी कौहा का तस्करी करते 7 गाड़ियां जब्त की हैं। टीम को जानकारी मिली थी कि पाटन क्षेत्र में प्रतिबंधित लकड़ी कौहा की लगातार तस्करी की जा रही है। खेतों से हरे भरे पेड़ों को काटकर इसे आरा मिल में काटकर बेचा जा रहा है। इसी सूचना पर दुर्ग DFO ने इन तस्करों पर कार्रवाई करते हुए 4 दिन के भीतर 7 गाड़ी लकड़ी जब्त किया है। दुर्ग डीएफओ चंद्रशेखर शंकर परदेशी ने बताया कि, औरी गांव से कोचियों के जरिए कौहा के हरे भरे पड़े काटकर आरा मिल में खपाया जा रहा है।

DFO ने एसडीओ और रेंजर को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पाटन की वन विभाग की टीम को अलर्ट किया। पाटन टीम से बीट इंचार्ज गोविंद देशमुख, वेद प्रकाश यादव और वीना साहू सुबह तड़के गाड़ी को पकड़ने के लिए घेराबंदी की। इससे पहले, सोमवार को एक गाड़ी फिर मंगलवार को दो गाड़ी और बुधवार तड़के तीन गाड़ियों को पकड़ा गया। प्लानिक के अनुसार टीम गुढ़ियारी नहर के पास खड़ी हो गई और लकड़ी लेकर आने वाली गाड़ियों का इंतजार करने लगी। इसी दौरान सभी संदिग्ध गाड़ियों को रोका गया और तलाशी लेने पर उनके अंदर कौहा की लकड़ी का गोला मिला।
यह सभी ट्रक औरी गांव से आ रहे थे। इसी गांव से बड़े पैमाने पर कौहा की लड़की की तस्करी होती है। पकड़ी गई तीनों गाड़ियां औरी गांव निवासी प्रकाश चंद्राकर, ढाल सिंह और बालोद निवासी गोलू निर्मलकर के है। वन अमले ने गाड़ियों को जब्त कर पाटन डिपो में खड़ा करा दिया है। इसी दौरान वन अमला ने पाटन के कैलाश देवांगन और उतई के विजय पाण्डेय की गाड़ी को पकड़ा था। इन सभी में अर्जुन यानि कौहा की लड़की लदी हुई थी।
वन विभाग के रेंजर ने बताया कि, जब उन्होंने पकड़े गए वाहनों के चालकों से पूछताछ की, तो उन्होंने बताया कि वो लोग हरे पेड़ों की कटाई करने के बाद उसका गोला बनाकर गाड़ी में लोड करते हैं। उसके बाद गाड़ाडीह क्षेत्र में संचालित आरामिलों में इन्हें खपाया जाता है। डीएफओ ने कौहा की लड़की तस्करी रोकने कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसी बीच गुरुवार तड़के भी टीम ने छापेमारी करते हुए एक आइसर और टाटा 709 ट्रक जब्त किया। इन दोनों गाड़ियों में कौहा की गोला लकड़ी भरी हुई थी। टीम ने दोनों वाहन चालकों को गिरफ्तार किया है।