दुर्ग। जिले में क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट कराने और ज्यादा लाभ दिलाने का झांसा देकर आरोपियों ने 59 वर्षीय बुजुर्ग को ठगी का शिकार बनाया है। पीड़ित से आरोपियों ने एक माह में 63 लाख अलग अलग बैंक खातों से जमा कराए हैं। इस साइबर ठगी के मामले में दुर्ग पुलिस ने पंजाब के शार्दुलगढ़ क्षेत्र के विकलांग आलू व्यापारी समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्ट करने के लिए पद्मनाभपुर निवासी 59 वर्षीय डॉ बसन्त वर्मा को बार बार फोन कर आरोपीयो ने साल 2024 कर फरवरी माह में तैयार किया। फिर धीरे धीरे अधिक लाभ का लालच देकर इनसिंड बैंक, आईडीएफसी बैंक के अलग अलग खाते से 63 लाख रुपये एक माह में जमा करा लिए। जैसे ही पीड़ित पैसे के लिए मना करता आरोपी उसके इन्वेस्ट पैसे डूबने के डर दिखाकर उससे पैसे जमा कराते रहे। इस तरह आरोपियों ने डॉ बसन्त वर्मा को साइबर ठगी का शिकार बनाया।
उन्होंने पुलिस थाने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उन्हें वॉट्सऐप और टेलीग्राम के जरिए लुभावने ऑफर देकर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के कहकर फरवरी 2024 से अप्रैल 2024 के बीच उन्हें भारी मुनाफा कमाने का झांसा देकर अलग-अलग बैंक खातों में 62,78,187 रुपए जमा कराया गया।
पद्मनाभपुर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और साइबर सेल ने संदिग्ध बैंक खातों, मोबाइल नंबरों, IP एड्रेस, टेलीग्राम ग्रुप और डिजिटल ट्रांजेक्शनों की जांच की तो मुख्य सरगना संदीप यादव का पता चला जिसका लोकेशन पंजाब पाया गया। आरोपी साहिल कुमार पिता अशोक कुमार ने अपने भारतीय स्टेट बैंक के खाते में 14 लाख 10 हजार रुपए लिया है। जिसमें से आरोपी राकेश कुमार पिता अमरजीत लाल ने 5 लाख रुपए अपनी पत्नी के बैंक खाते में ट्रांसफर करवाया था। जिसके बाद दुर्ग पुलिस की टीम ने पंजाब पहुंचकर सन्दीप की निशानदेही पर साहिल कुमार और राकेश कुमार को गिरफ्तार कर छत्तीसगढ पहुंची।
इस ठगी में शामिल एक अन्य आरोपी अब भी फरार है। मुख्य आरोपी संदीप यादव दोनों पैरो से दिव्यांग है। इसलिए दुर्ग पुलिस ने आरोपी को नोटिस देकर न्यायालय उपस्थित होने हिदायत दी है।