दुर्ग। दुर्ग पुलिस ने सूखे नशे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई को छत्तीसगढ़ के इतिहास में अब तक सबसे बड़ी मानी जा रही है। दरअसल दुर्ग पुलिस ने कड़िया से कड़िया जोड़ राजस्थान में छापा मारा करोड़ की नशीली दवाइयां को जब्त किया है। साथ ही आरोपी अंकुश पालीवाल को गिरफ्तार कर दुर्ग लाया है। इस पूरे मामले का खुलासा दुर्ग के SSP राम गोपाल गर्ग ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से किया। दुर्ग पुलिस ने इस ऑपरेशन के लिए एक स्पेशल टीम बनाई थी जिसमें प्रशिक्षु महिला डीएसपी आकांक्षा पांडे समेत थाना प्रभारी मोहन नगर विजय यादव, उप निरीक्षक चेतन चंद्राकर चौकी प्रभारी जेवर सिरसा, प्रधान आरक्षक जावेद खान, आरक्षक कांति शर्मा रक्षक गौरसिंह राजपूत की टीम को राजस्थान भेजा गया था। इस मामले में चौकने वाला खुलासा यह हुआ है कि डार्क वेब का इस्तेमाल कर इन नशीली दवाइयां का विक्रय किया जाता था और अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इनकी तस्करी होती थी। पुलिस ने इस मामले में इसके पूर्व भाई-बहन वैभव खंडेलवाल और आकांक्षा खंडेलवाल को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद कड़ी जुड़ते हुए दुर्ग पुलिस की टीम को बड़ी सफलता मिली।
दुर्ग पुलिस के अनुसार, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सूखे नशे के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के तहत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राम गोपाल गर्ग,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) अभिषेक झा के निर्देशन में पुलिस अधीक्षक द्वारा एनडीपीएस के हर एक अपराध में पूरी चैन को गिरफ्तारी की जो मुहीम चलाई जा रही है। जिसके अंतर्गत दुर्ग जिले के थाना मोहन नगर के अपराध कमांक 520/2023 8, 22(ग), 27 (क) नारकोटिक एक्ट में विवेचना एवं राजस्थान जाकर आरोपी के पता साजी हेतु नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग मणिशंकर चन्द्रा के नेतृत्व में प्रशिक्षु उपपुलिस अधीक्षक आकांक्षा पाण्डेय तथा निरीक्षक विजय यादव, थाना प्रभारी मोहन नगर, उपनिरीक्षक चेतन चन्द्राकर चौकी प्रभारी जेवरा सिरसा, प्रधान आरक्षक जावेद खान, आरक्षक कांती शर्मा, आरक्षक गौरसिंग राजपुत की विशेष टीम भेजी गयी थी। जिनके द्वारा राजस्थान के बुन्दी में बॉयोलैब रेमेडिस के संचालक अंकुश पालीवाल द्वारा पूरे देश के विभिन्न राज्यों में तथा अंतराष्ट्रीय मार्केट बांग्लादेश में ऑनलाईन माध्यम से फर्जी कम्पनियों को नशीली दवाईयों सप्लाई किया जाता था। दुर्ग पुलिस ने उसे राजस्थान से अरेस्ट किया। गिरफ्तार किया गया तथा अंकुश पालीवाल द्वारा अवैध रूप से जमा किये गये प्रतिबंधित नशीली टेबलेट और सिरप जब्त किया गया। जिसका अवैध मार्केट में रेट 1,60,44,000 (एक करोड़ साठ लाख चवालीस हजार रूपये) है। सूखे नशे के खिलाफ छत्तीसगढ़ के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाई दुर्ग पुलिस द्वारा किया गया।
इस अपराध में दुर्ग जिला के वैभव खण्डेलवाल एवं आकांक्षा खण्डेलवाल द्वारा इण्डिया मार्ट के साईट में जाकर एक फर्जी कम्पनी वैभव फार्मसिटीकल बनाया गया था। जिनके द्वारा राजस्थान के अंकुश पालीवाल से प्रतिबंधित नशीली दवाईयों मंगाकर ऑनलाईन कम्पनी इण्डिया मार्ट में वाइरस मेडिकोस के नाम से पूरे देश में अवैध रूप से नशीली दवाईयाँ सप्लाई किया जाता था। जबकि उसके बहन आकांक्षा खण्डेलवाल के द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में रिटेल मे बेचा जाता था। जिसे दुर्ग पुलिस द्वारा पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जब उनसे कड़ाई से पूछताछ की गई तो उनके द्वारा यह बताया गया कि डार्क वेब का उपयोग कर उनको पता चला कि किस प्रकार से फर्जी कम्पनी बनाकर अवैध रूप से नशीली दवाईयों का व्यापार कर पैसा कमाया जा सकता है। तब उनके द्वारा अंकुश पालीवाल से सम्पर्क कर अवैध रूप से प्रतिबंधित नशीली दवाईयॉ ऑनलाईन प्राप्त कर अवैध रूप से बिक्री की जा रही थी। जिन्हें पूर्व में अपराध कमांक 520/2023 धारा 8, 22ग, 27क नारकोटिक एक्ट में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
इसी विवेचना में आरोपी वैभव खण्डेलवाल के मेमोरण्डम में राजस्थान के बुंदी जिले के बायो लेब रेमेडिस से इण्डिया मार्ट के माध्यम से फर्जी दस्तावेज के सहारे प्रतिबंधित नशीली दवाईयां को बेच रहा था। उक्त अपराध में अग्रिम विवेचना एवं धरपकड़ के लिये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा तत्काल एक विशेष टीम गठित कर नगर पुलिस अधीक्षक दुर्ग मणि शंकर चंद्रा के नेतृत्व में राजस्थान बूंदी जिले रवाना किया गया। जहां पर बायोलेब रेमेडिस के संचालक अंकुश पालीवाल को विधिवत गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। जिसमे उसके द्वारा यह स्वीकार किया गया कि अवैध रूप से बने कंपनियों को प्रतिबंधित दवाईयो की सप्लाई किया जा रहा था साथ ही उनके द्वारा प्रतिबंधित दवाई जिनके निशानदेही पर दुर्ग पुलिस द्वारा राजस्थान के कोटा, बुन्दी और जयपुर में जाकर छोपेमारी की कार्यवाही की गई। पुलिस ने 1,60,44,000 (एक करोड़ साठ लाख चवालीस हजार रूपये) सेभी अधिक की नशीली टेबलेट एवं सिरप बरामद किया। जिसका विवरण इस प्रकार है…