“सैल्यूट टू जर्नलिज्म”: दुर्गा नगर में समिति ने किया आयोजन…पत्रकारिता के बार में बच्चों को दी गई जानकारी, भिलाई TIMES के सीमांत और आदित्य का हुआ सम्मान

भिलाई। “खींचे न कमानों को, न तलवार निकालो। जब तोप नाकाबिल हो, तो अखबार निकालों”, इन्हीं विचारों के साथ “सैल्यूट टू जर्नलिज्म” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दुर्गा नगर (पश्चिम) सामाजिक विकास समिति, भिलाई द्वारा देश में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत “सैल्यूट टू जर्नलिज्म” कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

उक्त कार्यक्रम “दुर्गा नगर प्रांगण” में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गिरवर बंटी साहू (सभापति~भिलाई नगर निगम) थे। प्रमुख अतिथि आदित्य सिंह (पार्षद ~भिलाई नगर निगम) थे, तथा विशेष अतिथि सीमांत कश्यप [सीनियर रिपोर्टर ~ भिलाई टाइम्स], देवेश दत्त मिश्रा (दैनिक भास्कर FM), आदित्य घोष (रिपोर्टर ~ भिलाई टाइम्स) , सुदीप कुमार अग्रवाल ( C.E.O. – Agarwal Construction) थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर ललित कुमार ( कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन, भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग) द्वारा की गई।.मां सरस्वती मे दीप प्रज्ज्वलन व पुष्प माल्यार्पण कर, अतिथियों द्वारा कार्यक्रम की शुरुवात की गई। सोसाइटी के अध्यक्ष विनोद कुमार हिरवानी ने स्वागत भाषण में कहा कि – “देश की आजादी और प्रजातंत्र में पत्रकारिता के योगदान को सामने लाना ही इस कार्यक्रम का उद्देश्य है।

कार्यक्रम में विभिन्न विषयों जैसे- “पत्रकारिता का देश की आजादी में योगदान” पर कक्षा 8 के पार्थ देवांगन ने , “भारत के प्रथम अखबार की यात्रा” पर कक्षा 7 के प्रियांशु कुमार साहू ने, “पत्रकारिता में त्रासदी व दमन” विषय पर बी. फार्मा के महेंद्र गोस्वामी ने और “आइकॉन ऑफ जर्नलिज्म” में राज एम दुबे ने अपने व्याख्यान दिए। मन्नत सेन (कक्षा 4) द्वारा पत्रकारों के जीवन पर नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में 15 बच्चों द्वारा भाषण व सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि भिलाई नगर निगम के सभापति गिरवर बंटी साहू ने कहा कि – पत्रकारों के पैरों के छालों से इतिहास लिखा जाता है, महादेवी वर्मा के कहे ये शब्द आज भी प्रासंगिक हैं। विशेष अतिथि सीमांत कश्यप ने कहा कि- आज़ादी के पूर्व , कई अखबार संपादकों को – अंग्रेजी हुकूमतों के विरोध के लिए सीधे सीधे जिम्मेदार ठहराकर तोप के मुंह से बांधकर उड़ा दिया गया, आज भी पत्रकारों के परिवारजनों को, ऐसा ही डर सताता है।

विशेष अतिथि आदित्य घोष ने कहा कि – पत्रकार का काम सच को निडरता से दिखाना है, ताकि समाज में सत्यमेय जयते का संदेश प्रासंगिक हो। विशेष अतिथि सुदीप कुमार अग्रवाल ने कहा कि – हिंदी पत्रकारिता को स्वतंत्रता आंदोलन से पृथक करके नहीं देखा जा सकता। समाचार पत्रों और उनके पत्रकारों का “राष्ट्र निर्माण में योगदान” स्वर्ण अक्षरों में सदैव चमकता रहेगा। तत्पश्चात् अन्य अतिथियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।.

“सैल्यूट टू जर्नलिज्म” कार्यक्रम में विशेष योगदान हेतु माधुरी सेन, दीपक सुलेरे, नीलिमा वर्मा का सम्मान किया गया। मंच संचालन कांता साहू ने किया। सोसायटी के सचिव- ऋषि कुमार के वक्तव्य *”खींचे न कमानों को, न तलवार निकालो। जब तोप नाकाबिल हो, तो अखबार निकालों, आज़ादी के पहले और बाद में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ बनकर उभरे “पत्रकारिता और पत्रकारों” के योगदान का, हमारे आने वाली पीढ़ियां , निश्चित रुप से ऋणी रहेंगी। इन्हीं विचारों के साथ “सैल्यूट टू जर्नलिज्म” कार्यक्रम का समापन हुआ।

कार्यक्रम संचालन हेतु रंजीव भल्ला, मनहरण साहू, जाफर खान, शरद बाघमारे, सुरेश एन टी, चंदा हिरवानी , बी. आर. गायकवाड़, सुमन वर्मा, सतेंद्र गजभिए, महेंद्र कुमार मेश्राम, चेलर्षि कुमार साहू, अल्फिया अली ने सराहनीय योगदान दिया। कार्यक्रम में मो. एजाज, मो. फैयाज, राज कुमार देवांगन, बिसन देशमुख, विपिन पाल वर्मा, प्रतीक साहू, खुशबू साहू, जे. रहमान, वर्षा सुलेरे, नीलम देवांगन, सुषमा ताम्रकार, प्रीमा भईया, मनोज ठाकुर, छाया केसवानी, देवकांत साहू, बी के साहू, बी के वेंकटेश, बी आर समरित, इंदु साहू, जवाहर श्रीवास्तव, संतोष चौरसिया, ममता चौरसिया, बालेश्वर प्रसाद साहू, सीमा गजभिए, बरखा साहू, मेहमूद अली, आरती शर्मा, शबाना, सालोमन राजू, सहनाज, सुरेश देवांगन, डा पवन देशमुख, दिनेश सिंह, दीपक शर्मा, श्रीधर आदि मौजूद थे।