कोरबा, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ का औद्योगिक जिला कोरबा, अब देश की सुरक्षा से जुड़ी एक बेहद संवेदनशील जांच का केंद्र बन चुका है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने पाकिस्तान समर्थित जासूसी नेटवर्क के खुलासे के बाद 8 राज्यों में एक साथ छापेमारी की। इस ऑपरेशन में कोरबा सबसे अहम ठिकानों में से एक रहा। यह सनसनीखेज खुलासा सबसे पहले The Hitavada (छत्तीसगढ़ संस्करण) और उसके खोजी पत्रकार मुकेश एस. सिंह द्वारा रिपोर्ट किया गया। Bhilai Times इस राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गंभीर खबर को आपके सामने लाने के लिए आपके साथ है।
छापे से पहले ही लापता हो गया संदिग्ध व्यापारी
NIA को कोरबा के एक स्थानीय व्यापारी पर शक है, जो लंबे समय से पाकिस्तान के लिए जासूसी नेटवर्क में बिचौलिए की भूमिका निभा रहा था। छापेमारी से ठीक पहले वह व्यक्ति गायब हो गया। सूत्रों का कहना है कि यह व्यक्ति सीधे तौर पर CRPF के निलंबित जवान मोती राम जाट से जुड़ा था।

CRPF जवान से बना जासूस: देश की सुरक्षा से गद्दारी
मोती राम जाट, जिसने रायपुर के मंडिर हसौद कैंप और गरियाबंद में 2015-17 के बीच सेवा दी थी, बाद में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में तैनात रहा। वहीं, उसे पाकिस्तान की एक महिला एजेंट ने ‘पत्रकार’ के रूप में संपर्क किया। शुरुआत में अनौपचारिक बातचीत से शुरू हुआ संपर्क, जल्द ही पैसे के बदले गोपनीय सूचनाएं भेजने तक पहुंच गया।
पैसे के लिए बेच डाली सैन्य जानकारी
NIA के अनुसार, जाट ने CRPF की तैनाती, मूवमेंट प्लान और ऑपरेशनल पोजिशनिंग जैसी संवेदनशील जानकारियाँ पाकिस्तान भेजीं। इसके बदले में हवाला के ज़रिए उसे पैसे मिलते थे। इस ट्रांजेक्शन चेन में कोरबा का व्यापारी एक अहम कड़ी था। जाट की डिजिटल पड़ताल में कोरबा से जुड़े संदिग्ध बैंकिंग लेनदेन सामने आए हैं।
ऑपरेशन को गोपनीय रखा गया, राज्य पुलिस को नहीं दी गई जानकारी
यह पूरा अभियान बेहद गुप्त रखा गया। NIA ने स्थानीय पुलिस और इंटेलिजेंस यूनिट को ऑपरेशन से बाहर रखा था। The Hitavada को मिले सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में अधिकारियों को छापेमारी की भनक तक नहीं थी।

कोडेड फाइलें, डिजिटल डिवाइस और दस्तावेज़ जब्त
देशभर में 15 जगहों पर छापेमारी के दौरान NIA को गोपनीय फाइलें, कोडेड मोबाइल डिवाइस, संदिग्ध दस्तावेज़ और वित्तीय रिकॉर्ड मिले हैं। सभी सबूतों को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा गया है।
CRPF की आंतरिक जांच शुरू, जाट बर्खास्त
CRPF ने मोती राम जाट को गिरफ्तार होते ही सेवा से बर्खास्त कर दिया। अब यह जांच चल रही है कि क्या उसकी यूनिट के और लोग इस नेटवर्क से जुड़े थे।
फरार व्यापारी की तलाश तेज, खुफिया निगरानी बढ़ाई गई
कोरबा का गायब व्यापारी अब NIA और राज्य पुलिस के रडार पर है। उसके मोबाइल लोकेशन, बैंकिंग ट्रांजेक्शन और सम्पर्क सूत्रों पर नजर रखी जा रही है। आशंका है कि वह छत्तीसगढ़ की सीमा से बाहर जा चुका है।
क्या हमारे औद्योगिक जिले बन रहे हैं जासूसी के अड्डे?
यह मामला कई सवाल खड़े करता है:
क्या कोरबा जैसा औद्योगिक शहर अब पाकिस्तान समर्थित नेटवर्क के लिए सॉफ्ट टारगेट बन रहा है? क्या ऐसे और मामले सामने आ सकते हैं?
