माता-पिता के सम्मान में युवक ने की अनुकरणीय पहल: रिसेप्शन के लिए रथ को संवारा…खुद दूल्हा-दुल्हन न आकर उस पर माता-पिता को कराया विराजमान

भिलाई। अधिकतर देखा गया है कि युवा पीढ़ी अपने माता-पिता का सम्मान मदर्स व फादर्स डे पर ही करते हैं। लेकिन कचहरी वार्ड दुर्ग के साहू समाज के एक युवा शख्स ने अपने माता-पिता के सम्मान में अलग तरह का मिसाल पेश की है। यह मिसाल हर समाज के युवा पीढ़ी के लिए अनुकरणीय है।

बता दें, वैसे तो लोग अपनी सामाजिक परम्परा के अनुसार विवाह करते हैं। लेकिन यहां हटकर अलग अंदाज में विवाह हुआ। दुर्ग शहर साहू समाज के अध्यक्ष धनंजय (लल्लन) साहू रविवार को भालापुर मुंगेली की मोनिका साहू के साथ परिणय सूत्र में बंधी। मंगलवार को उनका रिसेप्शन व जन्मदिवस समारोह दुर्ग बोरसी के शिवाजी पार्क में एक अलग अंदाज में मनाया गया।

देखा गया है, वैवाहिक मंच पर दूल्हा-दुल्हन ही आसीन होते हैं। लेकिन यहां उनके नवविहित बेटे ने अपने माता-पिता को सजे-सँवरे एक रथ में बैठाकर विवाह रिसेप्शन मंच पर लाकर सबसे पहले दूल्हा-दुल्हन की सीट पर विराजमान कराया।

यह अपने आपमें एक बेटे का अपने माता-पिता का बहुत बड़ा सम्मान था। इस बेटे ने माता-पिता को उनके विवाह का अहसास कराया। यह युवा पीढ़ी के लिए माता-पिता के प्रति स्नेह व सम्मानजनक सन्देश है। वास्तव में शायद यह अपने आपमें न केवल साहू समाज, अपितु पूरे भारतवर्ष में प्रथम विवाह समारोह है।

इसे देखकर दीगर समाज के लोगों को अपने माता-पिता के प्रति सम्मान का विचार करना चाहिए। इस अनुकरणीय पहल की शुरुआत राष्ट्रीय साहू समाज द्वारा श्रवण बेटा से सम्मानित धनन्जय उर्फ लल्लन साहू ने अपने वैवाहिक रिसेप्शन व 30वें जन्मदिन समारोह से की है।

मालूम हो कि शुरु से ही धनन्जय का अपने माता-पिता के प्रति अनन्त आदर व सम्मान का भाव है। खासकर वे साहू समाज के अतिरिक्त अन्य गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं। इसलिए आज युवा पीढ़ी को प्रेरणाजनक सन्देश देने का विचार मन में आया है।

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